
रांची: झारखंड राज्य के 836 प्रारंभिक प्राइमरी सहायता प्राप्त एवं अल्पसंख्यक विद्यालयों के शिक्षकों और 134 मध्य विद्यालयों के शिक्षकों तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने इस योजना की राह में आने वाली सभी अड़चनों को खत्म कर दिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के आदेश पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (माध्यमिक शिक्षा) के सचिव उमाशंकर सिंह ने अधिसूचना जारी की है.
आधिकारिक अधिसूचना
इस अधिसूचना के तहत झारखंड राज्य के 836 सहायता प्राप्त सामान्य और अल्पसंख्यक प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षक, 134 अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना और भविष्य निधि का लाभ मिलेगा. इस अधिसूचना के अनुसार, 9 दिसंबर 2004 को लागू अंशदायी पेंशन योजना समाप्त कर दी गई है और 1 दिसंबर 2004 से लेकर 31 अगस्त 2022 तक नियुक्त कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा.
विकल्प का अधिकार
सरकार ने कर्मियों को यह विकल्प दिया है कि वे पुरानी पेंशन योजना में या नई अंशदायी योजना में बने रह सकते हैं. इसके लिए उन्हें शपथ पत्र के माध्यम से विभाग को जानकारी देनी होगी.
सरकार की मंजूरी
साल 2024 में झारखंड सरकार के कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इसके बाद विभाग ने मंथन कर एसओपी जारी किया.
अलपसंख्यक शिक्षक संघर्ष समिति की पहल
अधिसूचना जारी करने के पीछे अल्पसंख्यक शिक्षक संघर्ष समिति के सदस्यों, जैसे फादर एरेंशियस मिंज, निरंजन सैंडल, प्रभात कुमार सिंह और बसंत कुमार मिश्रा की मेहनत थी. इन सदस्यों ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और वित्त मंत्री से मिलकर इस मुद्दे पर आग्रह किया था.
धन्यवाद ज्ञापन
इस अधिसूचना के जारी होने पर केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष प्रभात कुमार सिंह, बसंत कुमार मिश्रा, जिला अध्यक्ष शशि भूषण दुबे, सचिव नागेश्वर, और कुलविंदर सिंह ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और केंद्रीय कमेटी के प्रति आभार जताया है.
इसे भी पढ़ें : Jadugora: मुख्यमंत्री सारथी योजना, कुलगोंडा में रोजगार मेला कल