
रामगढ़: रामगढ़ जिले में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार लाने के लिए उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज ने एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है. इस पहल का उद्देश्य न केवल लोगों को साक्षर बनाना है, बल्कि उन्हें आकस्मिक परिस्थितियों में आत्मनिर्भर भी बनाना है. उपायुक्त ने जिले की सभी पंचायतों में पुस्तकालय खोलने का निर्देश दिया है. इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में उपयुक्त स्थल चिन्हित करने को कहा गया है. यह कदम ग्रामीणों में पठन-पाठन की आदत को बढ़ावा देगा और शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा. जिले में 100% कार्यात्मक साक्षरता प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस दिशा में रणनीति के तहत विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को शिक्षित करने, स्वावलंबी बनाने और व्यावहारिक ज्ञान से लैस करने पर विशेष जोर दिया जाएगा.
हर घर से एक स्वास्थ्य मित्र
स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उपायुक्त ने एक अनूठी योजना का खाका तैयार किया है. इसके तहत आने वाले एक वर्ष में जिले की लगभग 25% आबादी को ‘स्वास्थ्य मित्र’ के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा. इन स्वास्थ्य मित्रों को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) और फर्स्ट एड किट का सही उपयोग सिखाया जाएगा, ताकि वे आपातकालीन स्थितियों में पहले कदम के रूप में राहत पहुंचा सकें.
प्रशिक्षण का मकसद: आत्मनिर्भर और सजग समाज
इस विशेष पहल का उद्देश्य है कि जिले का हर परिवार किसी आकस्मिक स्वास्थ्य संकट से निपटने में सक्षम हो. यह योजना न केवल जीवन रक्षा में सहायक होगी, बल्कि समुदाय के भीतर आत्मविश्वास और जागरूकता भी बढ़ाएगी. उपायुक्त मुमताज ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और आने वाले समय में रामगढ़ को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में झारखंड का अग्रणी जिला बनाने में सहयोग करें. यह पहल राज्य में प्रशासनिक इच्छाशक्ति और सामाजिक समर्पण का एक प्रेरणास्पद उदाहरण बन सकती है.
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