रांची: झारखंड के स्वतंत्रता संग्राम के वीर और आंदोलनकारी बुली महतो की वास्तविक स्वरूप वाली भव्य प्रतिमा का गुरुवार को भकुवाडीह मोड़, सोनाहातु में अनावरण किया गया। कार्यक्रम में वंशज, ग्राम प्रधान, पाहन और सिल्ली विधानसभा पूर्व प्रत्याशी देवेंद्रनाथ महतो मौजूद रहे।
देवेंद्रनाथ महतो ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और वंशज परिवार को चिन्हित कर मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों और भारी भीड़ के साथ बाजार टांड, सोनाहातु से तिरंगा पदयात्रा भी निकाली गई।
प्रशासन पर नाराज़गी जताई
वंशजों के साथ शिलापट अनावरण के बाद देवेंद्रनाथ महतो ने स्थानीय सत्ताधारी विधायक और प्रशासन पर कार्यक्रम में व्यवधान डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधायक और सांसद का पद अस्थायी होता है, लेकिन स्वतंत्रता सेनानी और उनके विचार अमर रहते हैं।
महतो ने बलपूर्वक कहा कि वे बुली महतो के आदर्शों पर चलते हुए अन्याय के खिलाफ आंदोलनरत हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाटिका
प्रतिमा अनावरण के बाद बुली महतो के आंदोलन पर आधारित नाटिका का मंचन किया गया। स्थानीय कलाकारों ने लोकल सांस्कृतिक संगीत प्रस्तुत किया, जिसमें देवेंद्रनाथ महतो और वंशज परिवार ने कार्यक्रम का आनंद लिया।
कार्यक्रम में कई सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद रहे, जिनमें रंगलाल सिंह मुंडा, दिनेश पाहन, राजीव तुलसी, फुलेश्वर बेठा, संतोष महतो, गोपेश्वर महतो आदि शामिल थे।
वंशज परिवार और ऐतिहासिक जानकारी
वंशज परिवार के सदस्यों में प्रसिद्ध, संजय, मोहिनी कुमारी, गणेश, भोजोहरि, सरस्वती, सुदेश, हरेन, लक्ष्मण, मंगला देवी, निर्मला देवी, अर्जुन महतो, भीमसेन महतो, भोतुराम आदि शामिल थे।
इतिहास में उल्लेख है कि बुली महतो का जन्म 27 नवंबर 1785 को कोडाडीह गांव, लांदुपडीह पंचायत में हुआ और 14 जून 1834 को उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा अंडमान-निकोबार में काला पानी की सजा दी गई।