
दिन-रात जंगलों की खाक छान रहे वन्यकर्मी अनहोनी की आशंका के कारण ग्रामीणों को विभाग कर रहा जागरूक
सरायकेला : चांडिल वन क्षेत्र के नीमडीह थाना अंतर्गत हेवेन पंचायत के पहाड़धार गांव से 25 जून की सुबह समीपवर्ती जंगल में विचरण कर रहा बेबी हाथी अब तापता हो गया है. 27 जून के बाद से उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा है. जिसके कारण वन्यकर्मी चिंतित तथा परेशान हैं. बेबी हाथी के साथ किसी अनहोनी की आशंका से सहमे वन्यकर्मी सरगर्मी से उसकी तलाश कर रहे हैं. दिन-रात उसकी खोजबीन की जा रही है. लेकिन 27 जून के बाद से उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा है. वन्यकर्मियों को आशंका है कि अगर तस्करों के हत्थे बेबी हाथी चढ़ गया तो उसके साथ अनहोनी हो सकती है. अथवा हमले के डर से ग्रामीण उसे तीर मारकर जख्मी कर सकते हैं. इसी आशंका के कारण उसकी सुरक्षित बरामदगी की तलाश में वन्यकर्मी जूट गए हैं.
गांव-गांव पहुंच जानकारी जुटा रही रेस्क्यू टीम

डीएफओ के निर्देश पर 27 मई की रात्रि में बेबी हाथी की तलाश में रेस्क्यू टीम हाथीनादा गांव पहुंची. समीपवर्ती जंगल में जाकर उसकी खोजबीन की गई. लेकिन वह नहीं मिला. हालांकि उसके रसुनिया पंचायत के (हाथीनादा) गांव के घने जंगलों में भटकने की जानकारी है. चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी शशि प्रकाश रंजन के साथ विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी स्थानीय ग्रामीणों से मिले तथा सुराग मिलने पर सूचना देने की अपील की. साथ ही कहा कि बेबी हाथी को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाएं. गौरतलब हो कि ईचागढ़ वन्य क्षेत्र में लगभग 200 से ज्यादा हाथी अलग-अलग झुंड में भटक रहे हैं. अगर उक्त झुंड बेबी हाथी को स्वीकार नहीं किया तो उसका जीना मुहाल हो जाएगा.
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