
जमशेदपुर: विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर टाटा स्टील ने पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया. कंपनी ने दोमुहानी घाट पर स्वर्णरेखा और खरकई नदियों के संगम पर नदी सफाई अभियान का नेतृत्व किया.
इस अभियान का आयोजन टाटा स्टील द्वारा झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी), स्वच्छता प्रचार फाउंडेशन और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से किया गया. रविवार सुबह हुए इस आयोजन में 50 से अधिक स्वैच्छिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.
इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं” के अनुरूप, एक घंटे तक चले इस अभियान में प्लास्टिक कचरे और नदी तट पर बिखरे मलबे को हटाने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया. सभी प्रतिभागियों को दस्ताने और मास्क सहित आवश्यक सुरक्षा उपकरण प्रदान किए गए. इसके अतिरिक्त, उन्हें पुनः प्रयोज्य जल बोतलें लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया, ताकि अपशिष्ट निर्माण को न्यूनतम किया जा सके.
अभियान का उद्देश्य न केवल तात्कालिक सफाई था, बल्कि स्थानीय समुदाय को यह संदेश देना भी था कि नदी पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. प्रतिभागियों ने स्वेच्छा से यह संकल्प लिया कि प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ इस प्रकार की पहल निरंतर जारी रखेंगे.
टाटा स्टील का यह अभियान उनकी हरित प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो न केवल उद्योग के भीतर, बल्कि व्यापक सामाजिक संदर्भ में भी पर्यावरणीय जागरूकता को सुदृढ़ करता है. इस प्रयास से यह स्पष्ट होता है कि सतत विकास की राह पर उद्योग और समाज एक साथ चल सकते हैं.
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