
जमशेदपुर: ‘जीवन’ — आत्महत्या निवारण केंद्र, जमशेदपुर ने एक अत्यंत संवेदनशील अपील जारी की है, जिसमें विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गहरी चिंता जताई गई है। विशेषकर उन छात्र-छात्राओं के लिए जो नए शहरों में कॉलेज प्रवेश के बाद अकेलेपन, प्रतिस्पर्धा और सामाजिक दूरी से जूझ रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, जब युवा विद्यार्थी अपने घर से दूर किसी नए शहर या संस्थान में पढ़ाई करने आते हैं, तो वे एक साथ कई स्तरों पर मानसिक दबाव से गुजरते हैं। जैसे–
अपरिचित वातावरण में ढलने की चुनौती
परिवार और मित्रों से दूरी
आत्मनिर्भरता का दबाव
पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन की अपेक्षा
इन सभी कारणों से छात्रों में अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्ति में वृद्धि देखी जा रही है।
भावनाओं को स्वीकारें, मदद लेने में संकोच न करें
‘जीवन’ के एक वालंटियर ने कहा कि “अकेलेपन या चिंता का अनुभव करना असामान्य नहीं है, परंतु इन भावनाओं को पहचानना और स्वीकार करना पहला आवश्यक कदम है।” उन्होंने बताया कि सकारात्मक सोच और आत्म-प्रेरणा से मानसिक तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
दिनचर्या में बदलाव ला सकते हैं मानसिक संतुलन
काउंसलर ने सलाह दी कि –
पौष्टिक आहार लें
भरपूर नींद लें
नियमित व्यायाम करें
अपनों से संपर्क में बने रहें
खुद को समय देना भी आवश्यक है
उन्होंने यह भी कहा कि यदि कभी लगे कि परिस्थितियां असहनीय हो रही हैं, तो शिक्षकों, सलाहकारों या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात अवश्य करें।
शैक्षणिक संस्थानों और अभिभावकों को भी निभानी होगी भूमिका
‘जीवन’ संस्था ने स्कूल-कॉलेजों से आग्रह किया है कि वे नियमित काउंसलिंग सेशन और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। वहीं, अभिभावकों से अनुरोध किया गया है कि वे बच्चों के साथ संवाद कायम रखें और यदि उदासी, चिड़चिड़ापन, आत्मग्लानि, अरुचि या सामाजिक दूरी जैसे लक्षण दिखें, तो विशेषज्ञ से संपर्क करें।
मदद के लिए कहां जाएं?
तनाव की स्थिति में कोई भी व्यक्ति ‘जीवन’ से इन नंबरों पर संपर्क कर सकता है:
📞 9297777499 या 9297777500
या
जीवन केंद्र, 25 क्यू रोड, बिष्टुपुर, जमशेदपुर में आमने-सामने परामर्श भी प्राप्त कर सकता है।
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