
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2025-26 के खरीफ सत्र के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹69 की बढ़ोतरी के साथ ₹2,369 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया. इस निर्णय से सरकार पर करीब ₹2.07 लाख करोड़ का वित्तीय बोझ आएगा.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि विगत 10-11 वर्षों में खरीफ फसलों के MSP में निरंतर बढ़ोतरी की जा रही है. उन्होंने कहा कि हर फसल के लिए उसकी उत्पादन लागत में 50% अतिरिक्त जोड़कर समर्थन मूल्य तय किया गया है.
किसान क्रेडिट कार्ड पर 4% ब्याज पर मिलेगा ऋण
सरकार ने किसानों को ब्याज राहत की योजना को भी मंजूरी दे दी है. अब 2 लाख रुपये तक का ऋण किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से सिर्फ 4% ब्याज दर पर उपलब्ध रहेगा.
इस योजना पर सरकार को ₹15,642 करोड़ का व्यय वहन करना होगा. देशभर में 7.75 करोड़ किसान क्रेडिट कार्डधारक हैं, जिन्हें इसका सीधा लाभ मिलेगा.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की देन है और आज भी किसानों को बिना गारंटी 2 लाख रुपये तक का लोन सुलभ कराने में कारगर है.
रेलवे और हाईवे परियोजनाओं को हरी झंडी
बैठक में बुनियादी ढांचे को सशक्त करने वाले कई प्रस्तावों को भी स्वीकृति दी गई. इनमें प्रमुख हैं:
मध्य प्रदेश में रतलाम-नागदा रेलवे खंड को 4 लेन में परिवर्तित करने की मंजूरी, कुल लंबाई 41 किमी.
महाराष्ट्र के वर्धा और तेलंगाना के बल्लारशाह रेलवे खंड को भी 4 लेन में विकसित किया जाएगा.
आंध्र प्रदेश में बडवेल-नेल्लोर 4-लेन हाईवे परियोजना को भी हरी झंडी मिली. यह हाईवे बडवेल-गोपावरम (NH-67) से गुरुविंदपुडी (NH-16) तक बनेगा, जिसकी कुल लंबाई 108.134 किमी होगी और लागत ₹3,653.10 करोड़ होगी.
क्या कहती है यह घोषणाएँ?
एक तरफ MSP में वृद्धि और KCC लोन पर ब्याज राहत किसानों को राहत देने वाला कदम है, तो दूसरी ओर हाईवे और रेलवे परियोजनाएं देश के विभिन्न हिस्सों में लॉजिस्टिक्स, आवागमन और क्षेत्रीय विकास को गति देने का संकेत देती हैं.
सरकार की इन घोषणाओं को आने वाले महीनों में जमीन पर कैसे लागू किया जाता है, यह देखना महत्त्वपूर्ण होगा. साथ ही यह भी सवाल रहेगा कि क्या ये उपाय चुनावी मौसम के कदम हैं या दीर्घकालिक किसान कल्याण नीति का हिस्सा?
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