
जमशेदपुर: आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों के लिए चिंता बढ़ गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द भुगतान प्रक्रिया दुरुस्त नहीं की, तो शहर के कई अस्पताल आयुष्मान कार्डधारियों का इलाज बंद कर सकते हैं। आईएमए और हॉस्पिटल बोर्ड के पदाधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि लंबित सरकारी भुगतान के कारण अस्पतालों पर भारी आर्थिक बोझ है। पूर्वी सिंहभूम जिले के 40 से अधिक अस्पताल इस योजना से जुड़े हैं, जहां कैंसर, किडनी और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों के सैकड़ों मरीज रोजाना इलाज करवाते हैं।
बकाया भुगतान से छोटे अस्पताल प्रभावित
आईएमए के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि जांच के बाद जहां अनियमितता पाई जाती है, वहां कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जिन अस्पतालों पर कोई आरोप नहीं है, उनके बिलों का तुरंत भुगतान जरूरी है। भुगतान में देरी से छोटे अस्पताल और नर्सिंग होम वित्तीय दबाव में हैं। ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल, तामुलिया के अधीक्षक डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि उनका अस्पताल डेढ़ साल से भुगतान नहीं मिला है और लगभग 10 करोड़ रुपये बकाया हैं। इसके बावजूद वे हार्ट और डायलिसिस मरीजों का इलाज मानवीय आधार पर कर रहे हैं। हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया, जमशेदपुर शाखा के संयोजक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि झारखंड में कुल 750 अस्पताल योजना से जुड़े हैं। इनमें 212 अस्पतालों पर अनियमितता के आरोप थे, जिनमें से 76 को जांच के बाद क्लीन चिट दी गई है। IMA ने सरकार से मांग की है कि नियमों का पालन करने वाले अस्पतालों का भुगतान तुरंत किया जाए ताकि 10 लाख से अधिक आयुष्मान कार्डधारियों को इलाज में कोई बाधा न हो।
इसे भी पढ़ें : Bokaro: बोकारो में सामूहिक दुष्कर्म के चार आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार