
आदिवासी समाज ने संथाली शिक्षा की देवी बिदू चादान की पूजा की
सरायकेला : चांडिल स्थित वीर सिदो-कान्हू पब्लिक स्कूल सालगाडीह में बुधवार को संथाली शिक्षा की देवी बिदु चादान की पूजा की गई. इस दौरान लोगों ने झारखंड सरकार पर संथाली व ओलचिकि की अपेक्षा का आरोप लगाया. सामाजिक कार्यकर्ता बाबूराम सोरेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संथाली भाषा और ओलचिकि लिपि के उत्थान के लिए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में संथाली भाषा को शामिल किए जाने के बावजूद, राज्य और केंद्र सरकार इस भाषा को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रही हैं.
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उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने संथाली भाषा और ओलचिकि लिपि को बढ़ावा देने के लिए कुछ कदम उठाया था. विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक पठन-पाठन करने का आदेश दिया था. साथ और सरकारी कार्यालयों में ओलचिकि लिपि में नामकरण का लागू करवाया. लेकिन वर्तमान सरकार इस दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रही है.यह मुद्दा संथाली भाषा और संस्कृति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर सवाल उठाता है. संथाली भाषा भारत की एक महत्वपूर्ण भाषा है, जो झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और अन्य राज्यों में बोली जाती है. इसके उत्थान के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. मौके पर बनमाली हांसदा, सुदन टुडू, मोहन हांसदा, सुनिल मारडी आदि उपस्थित थे.
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