
जमशेदपुर: जयप्रकाश उद्यान, आदित्यपुर में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ आज पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ. महायज्ञ के अंतिम दिन राम कथा का भी समापन हुआ. इस अवसर पर आयोजित भंडारे में बड़ी संख्या में स्थानीय महिला-पुरुष शामिल हुए और प्रसाद ग्रहण किया.
राम कथा के रहस्यों का उद्घाटन
महायज्ञ के अंतिम दिन स्वामी चिंता हरण ने राम कथा के गूढ़ रहस्यों का उद्घाटन किया. उन्होंने बताया कि कैसे विश्वामित्र ने महाराज दशरथ से राम को मांगा और राम ने अहिल्या का उद्धार किया. अहिल्या ने इसे मुनि के श्राप का वरदान माना.
स्वामी सर्वेश्वरानंद ने राम कथा के सार को समझाते हुए कहा कि राम का हर कार्य आदर्श और धर्म के प्रतिमान के रूप में जाना जाएगा. चाहे बाल लीला हो, विवाह हो, वन गमन हो, या पुत्र और राज धर्म, हर स्थिति में राम ने आदर्श स्थापित किया. यह आदर्श पूरे विश्व के मानव समाज के लिए प्रेरणा है.
भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन
स्वामी सुन्दर राज ने भगवान कृष्ण के बचपन की लीलाओं को विस्तार से सुनाया. उन्होंने श्री कृष्ण की बाल लीलाओं को प्रेम और भक्ति का प्रतीक बताया.
श्रद्धालुओं की भागीदारी
महायज्ञ और राम कथा के इस आयोजन में ए.के. श्रीवास्तव, शंभुनाथ सिंह, अरविंद कुमार, रवींद्र नाथ चौबे, शिवपूजन सिंह, सुधीर सिंह, राजीव नयन पांडेय, सुनील सिंह, उदय, अनुराग, रमण चौधरी, अनिल कुमार तिवारी, एल.एन. ओझा, संजय तिवारी, राजेश्वर पांडेय, राजेश सिंह, अमित सिंह बाबी, सूरज भदानी, सनोज कुमार सिंह, रूपेश कतरियार, मीरा तिवारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे.
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