
– अस्पताल उपाधीक्षक बोले-संज्ञान में नहीं आया है मामला
देवघर: सदर अस्पताल में प्रसव के नाम पर एक महिला से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। नार्मल डिलीवरी के नाम पर तीन हजार लेने का आरोप लेबर रूम की नर्सों पर है। लेकिन नार्मल डिलीवरी नहीं हो पाई तो महिला का सीजर करना पड़ा। इस दौरान बच्चे की तबियत बिगड़ गई और उसे रेफर कर दिया गया। परिजनों ने स्थानीय एक नर्सिग होम में बच्चे को भर्ती कराया, लेकिन इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई। बच्चे की मौत से आक्रोशित परिजनों ने देर रात सदर अस्पताल पहुंच हंगामा किया।
नार्मल डिलीवरी के नाम पर छह हजार रुपए की मांग
मृत नवजात की मां सिमरन कुमारी ने पूरे मामले की लिखित शिकायत सिविल सर्जन से की है। सिमरन का मायका देवघर के छत्तीसी मोहल्ले में है और उसका ससुराल तालझारी के पड़रिया गांव में है। परिजनों ने बताया कि प्रसव पीड़ा के बाद 4 जून को महिला को सदर अस्पताल लेकर आए। लेकिन डॉक्टर ने कहा कि अभी समय पूरा नहीं हुआ है। कम से कम सात दिन और लगेंगे। फिर महिला 10 जून को प्रसव पीड़ा के बाद सदर अस्पताल पहुंची तो चेकअप के बाद कहा गया कि बच्चा ठीक है। अभी डिलीवरी का समय नहीं हुआ है। 11 जून को भी महिला अस्पताल पहुंची तो उससे नार्मल डिलीवरी के नाम पर छह हजार रुपए की मांग की गई।
लेडी डॉक्टर ने लोगों से दुर्व्यहार किया
लेकिन परिजनों ने कहा कि इतने पैसे देने की स्थिति में वेलोग नहीं है। चार हजार में बात फाइनल हुई और तीन हजार जमा लिया गया। लेकिन सीजर के दौरान बच्चे की तबियत बिगड़ गई तो भय से नर्सों से परिजनों से बकाया एक हजार नहीं मांगा। परिजनों का आरोप है कि महिला का चेकअप करने वाली सदर अस्पताल की लेडी डॉक्टर ने उनलोगों से दुर्व्यहार भी किया था। पूरे मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. प्रभात रंजन का कहना है कि उनके संज्ञान में मामला नहीं आया है। रविवार की छुट्टी के कारण ऑफिस बंद है। फिर भी अगर ऐसा होता तो उनको जरूर सूचना मिलती।
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