नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की नई पाठ्यपुस्तक “Exploring Society: India and Beyond – Part 1” में ऐतिहासिक कालखंडों की व्याख्या में कई परिवर्तन किए हैं. विशेष रूप से दिल्ली सल्तनत और मुगल काल को लेकर पाठ्यवस्तु में कई स्थानों पर ‘धार्मिक असहिष्णुता’, ‘राजनीतिक अस्थिरता’ और ‘सैन्य क्रूरता’ जैसे पहलुओं को स्पष्ट किया गया है.
बाबर, अकबर और औरंगज़ेब के शासन का नया विवरण
नई पुस्तक में बाबर को ‘क्रूर और निर्दयी विजेता’ कहा गया है, जिसने कई नरसंहार किए. अकबर के शासन को ‘क्रूरता और सहिष्णुता का मिश्रण’ बताया गया है, जबकि औरंगज़ेब को उन शासकों में गिना गया है जिन्होंने मंदिरों और गुरुद्वारों को नष्ट किया.
किताब में यह भी बताया गया है कि 13वीं से 17वीं शताब्दी का दौर राजनीतिक अस्थिरता और सैन्य अभियानों से भरपूर था. इन अभियानों में गांवों, मंदिरों और शैक्षणिक केंद्रों को लूटा गया.
दिल्ली सल्तनत और मुगलों पर केंद्रित अध्याय
‘Reshaping India’s Political Map’ नामक अध्याय में दिल्ली सल्तनत, विजयनगर, मुगल शासन और सिखों के उदय को शामिल किया गया है. पहले यह विषयवस्तु कक्षा 7 में पढ़ाई जाती थी, लेकिन अब पूरी तरह से कक्षा 8 में केंद्रित कर दी गई है.
एनसीईआरटी ने स्पष्ट किया है कि अब दिल्ली सल्तनत, मुगलों और मराठों के ऐतिहासिक कालखंड को केवल कक्षा 8 में ही पढ़ाया जाएगा. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 के अनुसार किया गया परिवर्तन है.
“इतिहास को संतुलित और साक्ष्यों पर आधारित रूप में प्रस्तुत किया गया”
एनसीईआरटी के अनुसार, नया विवरण इतिहास को किसी एक पक्ष से नहीं, बल्कि संतुलित और तथ्यों पर आधारित रूप में प्रस्तुत करता है. संगठन ने स्पष्ट किया है कि ये घटनाएं भारतीय इतिहास की वास्तविकता हैं और इन्हें छिपाया नहीं जाना चाहिए.
“Note on Some Darker Period in History” नामक अनुभाग में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी ऐतिहासिक घटना के लिए आज के समाज को दोष नहीं देना चाहिए. इसका उद्देश्य केवल इतिहास से सीख लेकर भविष्य के लिए विवेकपूर्ण दृष्टिकोण विकसित करना है.
नई पुस्तकों की श्रृंखला में अगला कदम
एनसीईआरटी अब तक कक्षा 1 से 4 तथा कक्षा 6 और 7 की नई किताबें प्रकाशित कर चुका है. 5वीं और 8वीं कक्षा की पुस्तकें अब उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होंगी.
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