
देवघर : देवघर सेंट्रल स्कूल में रविवार को बाल मेले का आयोजन किया गया. इसका उदघाटन प्राचार्य सुबोध झा ने किया. मौके पर प्राचार्य ने कहा कि शिक्षा बहुआयामी व्यक्तित्व के विकास का परिचायक होता है. मूल्यपरक, नैतिक मूल्यों का समावेश, विषय वस्तु में पारंगता, विविध भाषाओं का ज्ञान, वैज्ञानिक सोच का सूत्रपात, कौशल विकास व राष्ट्रीयता की भावना व अनेक विधाओं का ज्ञान होना ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूलमंत्र है. शिक्षा आरोपित न होकर स्वस्फूर्त होती है. आवश्यकता है कि हम बच्चों की जिज्ञासा को कैसे रचनात्मक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं.
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नौनिहालों का उत्साह देखते ही बन रहा था
प्राचार्य ने कहा कि कार्यात्मक क्रियाशीलता शिक्षानीति का मूल आधार है. मेले में बच्चों के द्वारा विभिन्न प्रकार के फूड स्टॉलों के माध्यम से स्वनिर्मित व्यंजनों को शिक्षकों के माध्यम से प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया. कक्षा द्वितीय के बच्चों ने बिस्कुट व अन्य खाद्य पदार्थों का स्टॉल लगाया था. नौनिहालों का उत्साह देखते ही बनता था. कोई फास्ट फूड, कोई झालमुढ़ी , कोई आलू-कचालू, कोई मुढ़ी-घुघनी, कोई ब्रेड पकौड़ा आलूचोप, गोलगप्पा, चना मसाला, फन गेम के साथ अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन कर रहे थे. कार्यक्रम की संयोजिका आकांक्षा वाजपेयी ने बताया कि ऐसे आयोजन से एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना है. कार्यक्रम को सफल बनाने में नेहा, अंशु, सृजा, सोनम, रोहन, अरविंद, संजय, सुकांतो, ज्योतिष, प्रियतोष की भागीदारी रही.
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