
गम्हरिया: गम्हरिया स्थित विद्यासागर सभागार में राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस का आयोजन किया गया. इस अवसर पर जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए घरेलू श्रमिकों ने अपनी समस्याओं और मांगों को साझा किया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब समय आ गया है कि उन्हें उचित अधिकार, सुरक्षा और सम्मान मिले.
कार्यक्रम का उद्घाटन समाजसेवी सी.के. गोराई ने किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि घरेलू कामगार समाज की चुपचाप सेवा करने वाली वह शक्ति हैं, जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है.
कार्यक्रम का संचालन संगठन की सिस्टर अंशु सुलोचना देवी ने किया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारत सरकार को घरेलू कामगारों के लिए कानून बनाने का जो निर्देश दिया गया था, उसे दिए गए छह महीने बीतने के बाद भी सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि श्रमिकों के साथ अन्याय भी है.
क्या थीं प्रमुख मांगे?
घरेलू कामगारों की ओर से निम्नलिखित प्रमुख मांगें उठाई गईं:
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को शीघ्र लागू किया जाए
घरेलू कामगारों के अधिकारों की रक्षा और कल्याण के लिए एक समग्र एवं प्रभावी कानून बनाया जाए
कानून निर्माण हेतु एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाए
समिति में श्रम, महिला एवं बाल कल्याण, समाजशास्त्र और मानवाधिकार के विशेषज्ञों को शामिल किया जाए
घरेलू श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा और पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाए
कार्यक्रम में रीना किस्पोट्टा, आशा तिर्की, संगीता सोना, गीता गोराई सहित कई प्रखंडों से आई महिला श्रमिकों ने हिस्सा लिया. उन्होंने तय किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे संगठित होकर आवाज़ उठाती रहेंगी.
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