
नई दिल्ली: मुंबई स्थित लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने HDFC बैंक के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन के खिलाफ 25 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले को लेकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है. आरोप है कि उन्होंने ट्रस्ट के एक सदस्य के पिता को प्रताड़ित करने के लिए 2.05 करोड़ रुपये की बड़ी रकम ली. ट्रस्ट ने हाथ से लिखी डायरी को सबूत के तौर पर अदालत में प्रस्तुत किया है.
ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि वे मुंबई मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश के आधार पर जगदीशन सहित 8 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना चाहते हैं, जिसमें कार्रवाई की अनुमति दी गई है. ट्रस्ट का आरोप है कि यह लेनदेन ट्रस्ट के ही एक पूर्व सदस्य द्वारा कराई गई और अब इसका इस्तेमाल प्रताड़ना के उद्देश्य से हुआ.
बैंक ने आरोपों को बताया ‘बकाया वसूली से बचने की चाल’
HDFC बैंक ने अपने आधिकारिक बयान में इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा है कि जगदीशन को कुछ गलत तत्व जानबूझकर निशाना बना रहे हैं. बैंक ने कहा कि ट्रस्ट से जुड़े कुछ सदस्य, खासकर प्रशांत मेहता और उनके परिवार ने बैंक से लिया गया भारी-भरकम लोन नहीं चुकाया है, जिसकी वसूली पिछले 20 वर्षों से की जा रही है.
“बैंक को बदनाम करने की साजिश”
बैंक का दावा है कि यह पूरा विवाद बकाया ऋण की वसूली से बचने के लिए रचा गया एक कानूनी षड्यंत्र है. बैंक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सहित हर स्तर पर निर्णय उनके पक्ष में रहा है, इसके बावजूद अब बैंक के सीईओ को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया जा रहा है.
एचडीएफसी बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपने सीईओ की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए कानूनी विकल्पों का सहारा लेगा. बैंक ने आशा जताई कि अदालत इस मामले में ट्रस्ट के ट्रस्टियों और उनके इरादों को पहचानकर उचित निर्णय लेगी.
इसे भी पढ़ें :