- 7 दिनों तक 10,000 से अधिक बच्चों की सहभागिता, 18 प्रतियोगिताएं—पूर्व सीएम ने कहा, “हम वस्तु ही नहीं, व्यक्तित्व का भी निर्माण करें”
जमशेदपुर : जमशेदपुर में आयोजित चतुर्थ बाल मेला 2025 के समापन समारोह ने एक नई दिशा और सकारात्मक ऊर्जा को जन्म दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने पूर्वी सिंहभूम जिले को बाल मित्र जिला बनाने के सरयू राय के प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बाल मेला केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण की समग्र प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि बालपन देश और समाज की नींव होता है, और इसका सही उपयोग केवल परिवार ही नहीं बल्कि पूरा समाज मिलकर करता है। उन्होंने आगे कहा कि “हम न केवल वस्तु, बल्कि व्यक्तित्व का भी निर्माण करें”—यही भारतीय जीवन दर्शन का मूल मूल्य है।
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अर्जुन मुंडा ने अपने संबोधन में कहा कि बदलते परिवेश और आधुनिक चुनौतियों के बीच इस तरह का आयोजन बच्चों में आत्मीयता, संस्कार और सकारात्मक सोच का विकास करता है। उन्होंने कहा कि कोविड की त्रासदी के बाद इस तरह का उत्सव मनाना समाज की मजबूती का प्रतीक है। उन्होंने यह भी बताया कि 7 दिनों के मेले में बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों की जो आत्मीयता दिखी, वह सामाजिक सरोकारों का उत्कृष्ट उदाहरण है। उनके अनुसार बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें तराशने के लिए ऐसे आयोजन समय की मांग हैं।
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जमशेदपुर पश्चिम के विधायक और बाल मेला के संरक्षक सरयू राय ने बताया कि इस बार के मेले में कुल 18 प्रकार के कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें विभिन्न प्रतियोगिताओं से लेकर बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी तक शामिल रही। उन्होंने बताया कि 14 नवंबर से शुरू हुए मेले में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से 10,000 से अधिक बच्चे शामिल हुए। सरयू राय ने कहा कि जिन बच्चों में कौशल है, उन्हें मंच देना जरूरी है—इसी उद्देश्य से बाल मेला का आयोजन किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों की पहुंच स्कूल तक नहीं है और जो कूड़ा बीनने का काम करते हैं, उन्हें भी इस मेला में शामिल कर मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया गया।
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समारोह में सम्मान का एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें अतिथियों और विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले कई विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान नीरज सिंह और ममता ठाकुर ने अर्जुन मुंडा का सम्मान किया, जबकि अन्य सदस्यों ने सरयू राय, मनोज कुमार सिंह, जयनेंदू, संजीव चौधरी, आरके सिंह समेत अनेक सामाजिक व प्रशासनिक हस्तियों का सम्मान किया। इसी बीच फूलों से बनी एक सुंदर तस्वीर मनीता महतो द्वारा अर्जुन मुंडा को भेंट की गई, जिसमें प्रख्यात चित्रकार दीपांकर कर्मकार भी मौजूद रहे।
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समापन समारोह में निर्णायक मंडली के सदस्यों और बाल वैज्ञानिक प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। एथलेटिक्स, खो-खो, कबड्डी, क्विज, गीत-संगीत, पेंटिंग, कुश्ती एवं ताइक्वांडो के निर्णायकों को सम्मानित किया गया। बाल वैज्ञानिक प्रतियोगिता में अयंक राज, आयुष कुमार, श्रीराम दुबे और विवेक कुमार को प्रथम पुरस्कार दिया गया। दूसरे स्थान पर अंश कुमार और किसलय पॉल तथा तीसरे स्थान पर अंश कुमार सिन्हा रहे। कार्यक्रम का संचालन स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के ट्रस्टी आशुतोष राय ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सुधीर सिंह ने किया। कार्यक्रम में चितरंजन वर्मा, विनोद सिंह, हरेंद्र पांडेय, संजीव सिन्हा समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।