
जमशेदपुर: सरहुल पूजा 2025 के अवसर पर केन्द्रीय सरहुल पूजा समिति, पूर्वी सिंहभूम द्वारा 1 अप्रैल को भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा. इस जानकारी को प्रेसवार्ता में लाइसेंसी किशोर लकड़ा ने साझा किया. उन्होंने बताया कि शोभायात्रा में आदिवासी और मूलवासी समुदाय के उराँव, हो, मुंडा, मुखी, भुइयाँ, लोहरा, तुरी और अन्य जनजाति समुदाय के महिला-पुरुष, बच्चे-बच्चियाँ पारंपरिक परिधान और वाद्य यंत्रों के साथ शामिल होंगे. यह शोभायात्रा उनकी सांस्कृतिक सभ्यता और एकता का प्रतीक होगी.
शोभायात्रा शाम 4 बजे पुराना सीतरामडेरा से प्रारंभ होकर लाको बोदरा चौक, एग्रिको लाइट सिग्नल, भालुवासा चौक, रामलीला मैदान, साकची गोलचक्कर, बसंत टॉकीज़, टूईलाडूंगरी, गोलमुरी होते हुए सीतारामडेरा में समापन होगा.
किशोर लकड़ा ने सभी से अपील की है कि वे अपने पारंपरिक परिधान में शोभायात्रा में भाग लें और इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनें.
उरांव समाज के जिलाध्यक्ष राकेश उरांव ने कहा कि शोभायात्रा की तैयारी पूरी कर ली गई है और मार्ग पर सरना झंडा एवं तोरण द्वार लगाए जाएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि साकची स्थित भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा और सीतारामडेरा स्थित ओत गुरु कोल लाको बोदरा, तथा बाबा कार्तिक उरांव की प्रतिमा में आकर्षक विद्युत सज्जा की जाएगी.
केन्द्रीय मुंडा समाज के अध्यक्ष नंदलाल पातर ने बताया कि सभी पूजा स्थलों का रंगरोहन और साफ-सफाई पूरी कर ली गई है, और पूजा स्थलों पर आदिवासी परंपरा के अनुसार सुबह से ही पूजा प्रारंभ हो जाएगी.
हो समाज सीतारामडेरा के अध्यक्ष राजेश कांडयोंग ने बताया कि शोभायात्रा के मार्ग पर विभिन्न समाज के वाद्ययंत्र, नृत्य शैली और आकर्षक परिधानों के साथ झांकियों का आयोजन भी होगा. उन्होंने यह भी कहा कि शोभायात्रा में प्रकृति को संरक्षित करते हुए झांकियां दिखाई जाएंगी.
आज के संवाददाता सम्मेलन में किशोर लकड़ा, राकेश उरांव, नंदलाल पातर, संतोष सामंत, रामू शांडिल्य, दुर्गमानी बोईपाई, राजेश कांडयोंग, सावन लकड़ा, उपेन्द्र बानरा, शंभू मुखी, बुधराम खालको, जयनारायण मुंडा, सोमा कोया, राजेन कुजूर, रामु तिर्की, बबलू खलखो, संतोष लकड़ा, रोशन मिंज समेत अन्य लोग उपस्थित थे.
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