
नई दिल्ली: जापान की निजी अंतरिक्ष कंपनी आइस्पेस को एक बार फिर चंद्रमा मिशन में असफलता का सामना करना पड़ा है. शुक्रवार को जब कंपनी का लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरने की प्रक्रिया में था, ठीक उससे दो मिनट पहले ही उसका संपर्क टूट गया, जिससे मिशन विफल हो गया. इससे पहले 2023 में भी आइस्पेस का चंद्र मिशन विफल हो गया था. यह कंपनी का दूसरा प्रयास था. लैंडर के क्रैश की पुष्टि कंपनी के मुख्यालय टोक्यो से की गई, जहां घंटों संपर्क टूटने के बाद मिशन को औपचारिक रूप से असफल घोषित किया गया.
कंपनी के सीईओ ने जताया खेद
आइस्पेस के सीईओ और संस्थापक ताकेशी हकामादा ने मिशन टीम और दुनियाभर के सहयोगियों से माफी मांगते हुए कहा,
“हमने पूरी तकनीकी और वैज्ञानिक तैयारी की थी, लेकिन अंतिम क्षणों में जो तकनीकी बाधा आई, वह हमारे नियंत्रण से बाहर रही. यह हमारे लिए सीखने का एक और अवसर है.”
मिशन के दौरान लैंडर चंद्रमा की सतह से मात्र दो मिनट दूर था, लेकिन तभी उससे ग्राउंड स्टेशन का संपर्क टूट गया.
तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि अंतिम समय में थ्रस्टिंग सिस्टम या नेविगेशन फेलियर के कारण लैंडर क्रैश हुआ होगा, हालांकि जांच अभी जारी है.
आइस्पेस का उद्देश्य वाणिज्यिक चंद्र अन्वेषण को साकार करना है. लगातार दो बार की असफलता के बावजूद कंपनी ने संकेत दिए हैं कि वह तीसरे प्रयास की तैयारी में जुटेगी.यह घटना वैश्विक स्तर पर निजी अंतरिक्ष कंपनियों की चुनौतियों को भी उजागर करती है, जो अब तक सरकारी एजेंसियों के दबदबे वाले इस क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं.
इसे भी पढ़ें : एलन मस्क की कंपनी Starlink को भारत में लाइसेंस जारी, जल्द मिलेगा परीक्षण स्पेक्ट्रम