
Jhargram : विज्ञान केंद्र मेदिनीपुर द्वारा गुरुवार को राजा नरेंद्रलाल खान महिला महाविद्यालय के रवींद्र नीड सभागार में तीन दिवसीय विज्ञान कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में विभिन्न विद्यालयों के कक्षा 8 व 9 के 102 छात्राओं ने भाग लिया। उद्घाटन समारोह में विद्यासागर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीपक कुमार कर, जेआईएस विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. बिमल चंद्र मल, संस्था के उपाध्यक्ष व मेदिनीपुर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. माखनलाल नंद गोस्वामी, आरएनएलके महाविद्यालय प्रभारी डॉ. अर्जुन मुखोपाध्याय, मेदिनीपुर कॉलेज के भौतिकी विभाग के पूर्व प्रोफेसर डॉ. सुभाष चंद्र सामंत, संस्था के सचिव सुचंद कुमार पान समेत शिक्षा जगत के अन्य गणमान्य हस्तियां शामिल हुए।
छात्राओं को सतत विकास पर नए शोध की जानकारी
कार्यक्रम के अंतिम भाग में वैज्ञानिकों से मिलिए खंड में आईआईटी खड़गपुर के धातुकर्म एवं सामग्री इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. देबालय मुखर्जी ने छात्राओं को सतत विकास पर नए शोध की जानकारी दी। आईआईटी खड़गपुर के महासागर इंजीनियरिंग एवं नौसेना वास्तुकला विभाग के प्रोफेसर डॉ. रितिक घोषाल अपने हालिया शोध चर्चा के माध्यम से छात्रों को प्रेरित किये। विद्यासागर विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. विश्वपति जन अपने व्यावहारिक अनुभव से छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स पर काम करवाने में सक्रिय रूप से भाग लेंगे तथा विद्यासागर विश्वविद्यालय के रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस विभाग के प्रोफेसर डॉ. ज्योतिशंकर मुखर्जी अपनी प्रयोगशाला और खुली हवा में प्रदर्शनी का दौरा करेंगे।
जिज्ञासु प्रवृत्ति को सही दिशा देना
तीन दिवसीय इस कार्यशाला में भाग लेने वाले छात्र कुशल शिक्षकों और व्याख्याताओं की देखरेख में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवन विज्ञान में उत्साहपूर्वक प्रयोग करेंगे। अंतिम दिन, विशिष्ट विभागों के विभागाध्यक्ष राजकीय नरेंद्रलाल खान महिला महाविद्यालय में जैव विविधता पार्क, गणित गैलरी, कंप्यूटर प्रयोगशाला और प्राणी विज्ञान प्रयोगशाला में काम करने का अवसर प्रदान करेंगे। संस्था के सचिव और मेदिनीपुर कॉलेजिएट स्कूल के पूर्व प्रधानाध्यापक सुचंद कुमार पान ने कहा, “विज्ञान केंद्र वर्ष 1987 से ही विज्ञान और विज्ञान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करता आ रहा है, लेकिन इस कार्यशाला का हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों को शोधोन्मुख बनाना और उनकी जिज्ञासु प्रवृत्ति को सही दिशा देना है।
कार्यशाला विद्यार्थियों को शोध के क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करेगा
उम्मीद है कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों को शोध के क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।” कार्यशाला में बोलते हुए प्रोफेसर बिमल चंद्र मल ने विद्यार्थियों से पर्यावरण और हमारे सामाजिक दायित्व के बारे में विस्तार से चर्चा की। भाग लेने वाले विद्यार्थियों के शब्दों में, “पुस्तकों में पढ़े गए वैज्ञानिक सिद्धांतों को अपने हाथों से सिद्ध कर पाना एक नया अनुभव है। यह कार्यशाला गर्मी की छुट्टियों में हमारे वैज्ञानिक विचारों को आकार देने में सहायक होगी।” विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने कहा, “यदि हम इस कार्यशाला के उद्देश्य को सफल बना पाएं तो हमें संतुष्टि होगी। पिछले वर्ष की कार्यशाला के अनुभव से हमने देखा है कि विद्यार्थी विज्ञान के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। विद्यार्थियों के उत्साह को देखते हुए संस्था ने हर वर्ष गर्मी की छुट्टियों में स्कूली बच्चों के साथ यह कार्यशाला आयोजित करने की योजना बनाई है।”