
झाड़ग्राम: जंगलमहल क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे मानव-हाथी संघर्ष को लेकर जंगलमहल स्वराज मोर्चा (JSM) ने गंभीर चिंता जताई है। संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अशोक महतो ने इस मुद्दे पर पहल करते हुए मिदनापुर लोकसभा क्षेत्र की सांसद जून माल्या को एक पत्र ईमेल के माध्यम से भेजा है, जिसमें उन्होंने संसद के आगामी मानसून सत्र में इस विषय को पुरज़ोर तरीके से उठाने की मांग की है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि झाड़ग्राम, पश्चिम मिदनापुर, बांकुड़ा और पुरुलिया जैसे ज़िलों में हाथियों द्वारा मानव बस्तियों पर हमले, फसलों की बर्बादी, मकानों को नुकसान और मानव हानि की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इन घटनाओं के चलते ग्रामीणों में भय, असुरक्षा और मानसिक तनाव लगातार गहराता जा रहा है।
पत्र में इस बात को रेखांकित किया गया है कि कई वर्षों से विभिन्न पहलें की जाती रही हैं, परंतु आज तक कोई स्थायी, मानवीय और वैज्ञानिक समाधान नहीं निकल पाया है। इससे ना केवल लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण की नीतियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्या चाहिए जंगलमहल को? JSM की मांगें
जंगलमहल स्वराज मोर्चा ने सरकार से मांग की है कि:
- मानव-हाथी संघर्ष पर एक व्यापक और दीर्घकालिक नीति बने
- नीति वैज्ञानिक, मानवीय और संवेदनशील दृष्टिकोण पर आधारित हो
- स्थानीय लोगों की सुरक्षा और आजीविका की गारंटी सुनिश्चित की जाए
- वन्यजीव संरक्षण के साथ संतुलन बना रहे
पत्र भेजने के बाद मीडिया से बातचीत में अशोक महतो ने कहा: “जंगलमहल के लोग वर्षों से भय और अनिश्चितता में जी रहे हैं। अब समय आ गया है कि हमारे सांसद इस दर्द को संसद में रखें और केंद्र व राज्य सरकार को बाध्य करें कि वे स्थायी समाधान की ओर ठोस क़दम उठाएँ।” JSM ने बताया कि अगर सरकारों की ओर से त्वरित और गंभीर पहल नहीं हुई, तो आगामी दिनों में बड़े जन आंदोलन की योजना बनाई गई है। संगठन का कहना है कि यह सिर्फ जंगलमहल की नहीं, बल्कि समग्र पर्यावरणीय न्याय की लड़ाई है।
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