
जमशेदपुर: कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने निजी विद्यालयों के प्रबंधन के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर में ही नए सत्र की पुस्तकें और अभ्यास पुस्तिकाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं, जो अभिभावकों के लिए सहायक हैं.
शिक्षा विभाग को पुस्तक विक्रेताओं की सूची जारी करनी चाहिए
कुलविंदर सिंह के अनुसार, यदि किसी अभिभावक ने यह दावा किया है कि शहर के कोई पुस्तक विक्रेता 10 या 20 प्रतिशत की छूट दे रहा है, तो जिला शिक्षा विभाग को उन विक्रेताओं की सूची सार्वजनिक करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी छूट केवल सरकारी कर्मचारियों या प्रभावशाली व्यक्तियों को ही मिलती है, जबकि अन्य अभिभावक इससे वंचित रहते हैं. इसके साथ ही, पुस्तक विक्रेता पुराने संस्करणों पर छूट देता है, जिनमें पाठ्य सामग्री अपडेटेड नहीं हो सकती है.
शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी
सिंह ने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग को सरकारी विद्यालयों की व्यवस्था और आधारभूत संरचना को मजबूती से सुधारने की दिशा में कदम उठाने चाहिए, क्योंकि इन विद्यालयों में करीब 80% बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं.
शिक्षा के अधिकार के तहत नामांकन में अनियमितताएँ
उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या जिला प्रशासन ने शिक्षा के अधिकार के तहत निजी विद्यालयों में होने वाले नामांकन में चल रहे बड़े रैकेट पर ध्यान दिया है? उनका मानना है कि इस मामले की जांच और निगरानी विभाग से करानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस प्रक्रिया में कोई गलत काम न हो.
शिक्षा में पारदर्शिता की आवश्यकता
कुलविंदर सिंह ने यह भी बताया कि शिक्षा के अधिकार के संवैधानिक लाभ के तहत कुछ लोग नामांकन प्रक्रिया में असामान्य तरीके से लाभ उठा रहे हैं. इस पर जिला प्रशासन को सख्त निगरानी रखनी चाहिए ताकि सभी को समान अवसर मिले.
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