
नई दिल्ली : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि वह ‘वोट चोरी’ में शामिल है , जिसका फायदा भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हो रहा है। राहुल गांधी ने दावा किया कि उनके पास इस संबंध में 100% सबूत हैं और जब इसे सार्वजनिक किया जाएगा तो पूरा देश देखेगा कि किस तरह से EC ने ‘वोट चोरी’ को बढ़ावा दिया।
EC का पलटवार: आरोप बेबुनियाद
राहुल गांधी के इन आरोपों के तुरंत बाद चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया दी और उनके बयानों को ‘बेबुनियाद’ करार दिया। आयोग ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप तथ्यों से परे हैं और इससे लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख को ठेस पहुंचती है।
बिहार वोटर लिस्ट पर सवाल
राहुल गांधी ने बिहार में चल रहे “SIR” का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस को यहां पर गड़बड़ियों की आशंका थी और जब चुनाव आयोग ने सहयोग नहीं किया तो पार्टी ने खुद जांच शुरू की। छह महीने चली इस जांच के बाद उन्हें ऐसे प्रमाण मिले जो ‘परमाणु बम’ की तरह हैं।
EC में शामिल हर व्यक्ति पर कार्रवाई होगी
राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि चुनाव आयोग में जो भी अधिकारी इस ‘वोट चोरी’ में शामिल हैं, वे चाहे रिटायर्ड हों या अभी पद पर हों, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि आप भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं, यह देशद्रोह से कम नहीं।
बिहार में यूं ही नहीं आया सियासी तूफान
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले एक बड़ा राजनीतिक भूचाल यूं ही नहीं आया है। चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने खुलासा किया कि राज्य में 56 लाख वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। यह कार्रवाई ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ के तहत की जा रही है। चुनाव आयोग की कार्रवाई के बाद पूरे राज्य का चुनावी समीकरण बदल जाएगा। विश्लेषकों का मानना है कि वोटर लिस्ट से इतने बड़े पैमाने पर नाम काटे जाने के बाद हर विधानसभा सीट पर कम से कम 33 हजार वोटर्स कम हो जाएंगे। यह आंकड़ा किसी भी चुनावी क्षेत्र का समीकरण बदलने के लिए काफी है।
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