- शांतिपूर्ण मतदान के लिए सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और अन्य बलों की व्यापक तैनाती की तैयारी
- बूथ कैप्चरिंग रोकने के लिए CAPF की होगी सख्त निगरानी
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सुरक्षा के अभेद्य इंतजाम किए जा रहे हैं। चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय के संयुक्त निर्देश पर 500 से अधिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) कंपनियों को तैनाती के लिए चिन्हित किया गया है। इन कंपनियों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 121 कंपनियां, सीमा सुरक्षा बल (BSF) की लगभग 400 कंपनियां, तथा आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी जैसे अन्य बलों की इकाइयाँ शामिल हैं। बताया जा रहा है कि करीब 99 बीएसएफ कंपनियां पहले ही बिहार पहुंच चुकी हैं, जबकि बाकी कंपनियों की तैनाती चरणबद्ध तरीके से जारी है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा जरूरतों के आकलन के बाद यह संख्या 1,600 कंपनियों तक बढ़ाई जा सकती है।
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बिहार में अब तक पहुंचीं 99 बीएसएफ कंपनियां, बाकी बलों की तैनाती जारी
चुनावी सुरक्षा को लेकर केंद्र और राज्य स्तर पर कई दौर की समीक्षा बैठकें हो चुकी हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि आयोग की प्राथमिकता शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भयमुक्त मतदान सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत दो दशकों में पहली बार बिहार की मतदाता सूची को पूरी तरह “शुद्ध” किया गया है। आयोग ने यह भी संकेत दिया है कि विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इस दौरान CAPF की टुकड़ियों की भूमिका निगरानी, गश्त और मतदान केंद्रों की सुरक्षा पर केंद्रित रहेगी।
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चुनाव आयोग ने कहा– निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ होगी पूरी प्रक्रिया
वर्तमान में 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीए के पास 131 सीटें, जबकि महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं। एनडीए में भाजपा 80, जदयू 45, और हम (एस) 4 सीटों पर काबिज है, वहीं राजद 77, कांग्रेस 19 और वाम दल कुल 15 सीटों पर हैं। बिहार में CAPF की यह तैनाती ऐतिहासिक रूप से संवेदनशील जिलों में बूथ कैप्चरिंग, धमकी और चुनावी हिंसा को रोकने में अहम साबित होगी। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि इस बार राज्य में चुनाव पूरी तरह शांतिपूर्ण और पारदर्शी माहौल में संपन्न होंगे।