मुरी: आज मोदीडीह में एक साल के बाद विधिवत सरना विधि से सरना झंडा गाड़ा गया. यह आयोजन तलाब के पास हुआ, जहां पाहन प्राण मुंडा ने पारंपरिक रूप से बास में सिंदूर लगाया और गड्डे में चावल डाले. इसके बाद “जय धर्मेश, जय धरती मां, जय सरना” के जयघोष के साथ सरना झंडा गाड़ा गया.
जल यात्रा और प्रार्थना सभा
इसके बाद, सभी सरना बहनों ने लोटा में जल उठाकर जल यात्रा करते हुए गांव के सरना स्थल की ओर रुख किया. वहां पहुंचकर उन्होंने प्रार्थना की. गांव के मुखिया लालू राम उरांव ने इस अवसर पर कहा कि हर साल 9 मार्च को सरना झंडा नए सिरे से गांव में गाड़ा जाता है ताकि पूरे वर्ष गांव और उसके निवासियों को सुख-समृद्धि मिले, कांटा छांटी जाए और विपदाओं से बचाव हो.
पारंपरिक नृत्य-संगीत और उत्सव
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से सरना स्थल पर प्रार्थना की और नृत्य-संगीत के साथ इसे समापन किया. यह आयोजन गांव के सांस्कृतिक परंपराओं और धार्मिक आस्थाओं को दर्शाता है.
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