
जमशेदपुर: करीम सिटी कॉलेज, जमशेदपुर के भूगोल विभाग ने आकाशीय और मौसम संबंधी अवलोकनों पर केंद्रित 16वीं वार्षिक कार्यशाला का सफल आयोजन किया. इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों में मौसम पूर्वानुमान तकनीकों और उपकरणों की समझ को बढ़ाना था.
उपकरणों पर ध्यान केंद्रित
इस कार्यक्रम में ध्यान केंद्रित किए जाने वाले प्रमुख उपकरणों में दूरबीन, जीपीएस, सूर्यघड़ी, वर्षामापी और अन्य मौसम संबंधी उपकरण शामिल थे. कार्यशाला में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मोहम्मद रेयाज़, भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. आले अली, सहायक प्रोफेसर डॉ. फरज़ाना अंजुम और डॉ. पासारुल इस्लाम, वर्कर्स कॉलेज के भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार चौबे, सहायक प्रोफेसर डॉ. सुरभि सिन्हा, और शोभा मुवाल ने भाग लिया.
कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्य डॉ. मोहम्मद रेयाज़ ने कार्यशाला की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं. इसके बाद, भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. आले अली ने मौसम संबंधी अवलोकन के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि यह वायुमंडल की स्थिति का मूल्यांकन करने का एक तरीका है.
मौसम विज्ञान और पूर्वानुमान
वर्कर्स कॉलेज के भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार चौबे ने सरल शब्दों में मौसम विज्ञान को वायुमंडल का विज्ञान बताया. उन्होंने मौसम पूर्वानुमान के महत्व को समझाया. इसके बाद, डॉ. सुरभि सिन्हा ने वर्षामापी के उपयोग और उसके लाभ के बारे में जानकारी साझा की.
उपकरणों की प्रदर्शनी
डॉ. शोभा मुवाल ने बैरोमीटर के कार्य और वायुदाब मापने के तरीके पर चर्चा की. सहायक प्रोफेसर डॉ. पासारुल इस्लाम ने विभिन्न उपकरणों का प्रदर्शन किया, जो आकाशीय पिंडों की निगरानी के लिए उपयोग किए जाते हैं, जिनमें टेलीस्कोप, सूर्यघड़ी, थर्मामीटर, विंडवेन, जीपीएस, एनीमोमीटर और दूरबीन शामिल थे.
शंकाओं का समाधान
कार्यक्रम के अंत में, ग्रेजुएट कॉलेज की शिक्षिका दीप्ति ने विभिन्न विद्यार्थियों की शंकाओं और जिज्ञासाओं का समाधान किया. अंत में, सहायक प्रोफेसर डॉ. फरज़ाना अंजुम ने कार्यशाला का समापन करते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया.
सकारात्मक प्रभाव
इस प्रकार की कार्यशालाएं छात्रों को मौसम विज्ञान के क्षेत्र में नई जानकारी और कौशल प्रदान करती हैं, जो उन्हें भविष्य में मौसम के पूर्वानुमान और अवलोकन में सक्षम बनाती हैं.
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