
पटमदा: पटमदा के गाड़ीग्राम गांव के ग्राम प्रधान बुचेन लाया ने उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाते हुए दो बीघा भूमि पर शुगर फ्री शकरकंद की खेती की शुरुआत की है. इस पहल में उन्हें आटी पुआल मशरूम प्रा. लिमिटेड वंदोवान के एमडी डॉ. अमरेश महतो का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है.
विकसित भारत मिशन से जुड़ती कृषि
इस मौके पर डॉ. महतो ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती का सामना करने और देश के सतत विकास को गति देने के लिए उन्नत कृषि तकनीकों का उपयोग आवश्यक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 मिशन के तहत बीईएफ (BEF) द्वारा “2047 तक विकसित भारत संवाद और पुरस्कार” योजना शुरू की गई है. इसी कड़ी में बुचेन लाया की भूमि पर शर्करा और ग्लूटन मुक्त नारंगी गूदे वाली शकरकंद की खेती की जा रही है, जो मात्र तीन महीनों में तैयार हो जाती है.
स्वास्थ्यवर्धक और लाभकारी खेती
यह शुगर फ्री शकरकंद मधुमेह, कैंसर और गैस्ट्रिक रोगियों के लिए एक उत्कृष्ट आहार है. इस फसल के साथ-साथ पेडीस्ट्रा मशरूम, कसाबा और सीआर धान 310 की खेती भी की जाएगी. डॉ. महतो ने बताया कि इस खेती में पानी और मेहनत की आवश्यकता कम होती है, जबकि मुनाफा अधिक होता है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी.
महिला और आदिवासी किसानों को मिलेगा विशेष लाभ
पटमदा एवं बोड़ाम प्रखंड के अन्य किसान भी इस तरह की खेती अपनाने के लिए आगे आ रहे हैं. इस अभियान के तहत महिला एवं आदिवासी किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें.
कृषि जागरूकता में बढ़ता सहयोग
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार और दीनबंधु ट्रस्ट के महासचिव नागेंद्र कुमार भी उपस्थित रहे. अन्य प्रमुख लोगों में महेंद्र लाया, महादेव लाया, भूपेंद्र सिंह, समर सिंह, अरुण मांडी, विशोखा लाया और गुलापी लाया सहित कई स्थानीय लोग शामिल रहे. सभी ने इस पहल की सराहना की और कृषि में नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया.
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