
रांची: रांची का भव्य रथ मेला 27 जून से प्रारंभ होगा. इसकी तैयारियाँ पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ की जा रही हैं. रथ की मरम्मत और सजावट का कार्य आरंभ हो चुका है.
मंदिर के प्रथम सेवक ठाकुर सुधांशु नाथ शाहदेव ने जानकारी दी कि इस वर्ष रथ मेला का 336वां आयोजन किया जाएगा, जो भगवान जगन्नाथ की परंपरा का प्रतीक है.
मौसीबाड़ी में विशेष भोग और अनुष्ठान
भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जब मौसीबाड़ी निवास करेंगे, तब प्रतिदिन श्रद्धालुओं के लिए विशेष भोग की व्यवस्था की जाएगी. यह परंपरा भक्तों के लिए आध्यात्मिक आकर्षण का केंद्र बनी रहती है.
पुरी से मंगाई गयी विशेष रस्सी और वस्त्र
इस वर्ष रथ खींचने के लिए ओडिशा के पुरी से 50 मीटर लंबी विशेष रस्सी मंगाई गई है, जो अत्यंत मजबूत होती है. साथ ही तीनों विग्रहों—भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा—के वस्त्र भी पुरी से ही मंगवाए जा रहे हैं.
स्नान यात्रा, एकांतवास और नेत्रदान
11 जून को भगवान का स्नान यात्रा संपन्न होगा, जिसके पश्चात वे एकांतवास में चले जाएंगे. इस अवधि में मंदिर परिसर का रंग-रोगन और सजावट की जाएगी.
26 जून को नेत्रदान अनुष्ठान के पश्चात भगवान पुनः भक्तों को दर्शन देंगे. इसके अगले दिन 27 जून को रथ यात्रा निकाली जाएगी.
मेले में 2500 दुकानें और सशक्त सुरक्षा व्यवस्था
इस बार रथ मेला परिसर में लगभग 2500 छोटी-बड़ी दुकानें स्थापित की जाएंगी. राज्य सरकार ने मंदिर को श्रेणी ‘बी’ से श्रेणी ‘ए’ में शामिल करने का आश्वासन भी दिया है.
मेले के दौरान सुरक्षा को लेकर विशेष प्रबंध किए गए हैं. स्वयंसेवी संगठनों के अलावा 100 निजी सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएंगे. जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके.
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