
जमशेदपुर : बिस्टुपुर स्थित ऐतिहासिक आंध्र भक्त श्री राम मंदिर में 56वें वार्षिक ब्रह्मोत्सव का शुभारंभ आज प्रातः 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और नित्यकटला पूजा के साथ हुआ. इस अनुष्ठान का संचालन पंडित कोंडामचारुलु के सान्निध्य में हुआ, जिससे मंदिर परिसर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ.
सुबह 8 बजे भगवान श्री बालाजी का अभिषेकम विधिवत संपन्न हुआ. सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर भक्ति रस में स्वयं को सराबोर किया. शाम को विश्वकसेना की पालकी पर भगवान बालाजी की शोभायात्रा मंदिर परिसर में निकाली गई. नादेश्वरम और अन्य दक्षिण भारतीय वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि के बीच पालकी भ्रमण करते समय पूरा परिसर श्रद्धा, संगीत और संस्कृति के सुरों से गूंज उठा.
सम्पन्न हुए विविध धार्मिक अनुष्ठान
शाम 6 बजे से मंदिर में एक के बाद एक धार्मिक क्रियाएं संपन्न हुईं. इनमें नित्यकटला पूजा, आचार्यवरणम, विश्वकसेना पूजा, मृद्संग्रहणम, अंकुरार्पणम और ध्वजपाद प्रतिष्ठा जैसे पारंपरिक अनुष्ठान शामिल थे. ये सभी कार्यक्रम वैदिक विधि-विधान के अनुसार सम्पन्न हुए, जिनमें पंडितों, श्रद्धालुओं और मंदिर कमिटी के पदाधिकारियों ने सहभागिता निभाई.
आंध्र भक्त श्री राम मंदिर का यह वार्षिक ब्रह्मोत्सव केवल धार्मिक रस्में भर नहीं, बल्कि दक्षिण भारतीय संस्कृति और जीवनशैली की जीवंत प्रस्तुति भी है. यह आयोजन देवभक्ति, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बन चुका है. मंदिर कमिटी ने बताया कि आगामी दिनों में भी धार्मिक-सांस्कृतिक गतिविधियां जारी रहेंगी.
इस आयोजन ने शहरवासियों को भक्ति और सांस्कृतिक सौहार्द का एक सुंदर अवसर प्रदान किया. मंदिर परिसर में भगवान बालाजी के जयकारों और भक्तों की आस्था ने ऐसा वातावरण रचा, जिसमें हर व्यक्ति ने सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की.
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