Gua : टाटा स्टील ने डीजीएमएस के तत्वावधान में आयोजित किया ‘वूमन इन माइनिंग’ कॉन्क्लेव

  • खनन उद्योग में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और समावेशी कार्यस्थल को लेकर विशेषज्ञों ने किया विचार-विमर्श

गुवा : टाटा स्टील लिमिटेड ने खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के तत्वावधान में ‘आज में बदलाव, कल की नई परिभाषा’ थीम पर आधारित ‘वूमन इन माइनिंग’ कॉन्क्लेव का आयोजन चाणक्य बीएनआर, गोसाईंटोला, रांची में किया। इस कार्यक्रम में नियामक प्राधिकरणों, खनन क्षेत्र के दिग्गजों और महिला खनन पेशेवरों ने भाग लिया, ताकि खनन उद्योग में बढ़ती महिला भागीदारी और इसके बदलते परिदृश्य पर विचार-विमर्श किया जा सके। हाल ही में हुए श्रम कानून सुधारों के तहत अब महिलाओं को भूमिगत और ओपनकास्ट माइंस में काम करने की अनुमति मिल गई है, जिससे खनन कंपनियों में लैंगिक विविधता को बढ़ावा मिला है।

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खनन क्षेत्र में महिलाओं के लिए नए अवसर और समान अधिकार

दिनभर चले कार्यक्रम की शुरुआत पंजीकरण और नेटवर्किंग से हुई, जिसके बाद औपचारिक उद्घाटन सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर डीजीएमएस, टाटा स्टील और खनन उद्योग के प्रमुख वक्ताओं ने संबोधित किया, जिनमें उज्जवल ताह, डॉ. श्याम सुंदर प्रसाद, वीर प्रताप सिंह, शंकर नागाचारी, संजीव कुमार सिन्हा, संजय राजोरिया, अतुल कुमार भटनागर, मेघना घोष, जया सिंह पांडा और डी. विजयेन्द्र शामिल थे। उद्योग जगत की प्रस्तुतियों में प्रमुख कंपनियों जैसे टाटा स्टील, एलएंडटी, कोल इंडिया, हिंदुस्तान जिंक, एनटीपीसी, सिंगरेनी कोलियरीज, लॉयड्स मेटल्स और जेएसडब्ल्यू स्टील द्वारा किए जा रहे लैंगिक विविधता प्रयास प्रदर्शित किए गए। महिला पेशेवरों ने अपने अनुभव और सफलता की कहानियाँ साझा की।

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खनन उद्योग में महिला नेतृत्व और सफलता की कहानियाँ

कार्यक्रम में एक विशेष सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें महिला टीमों और प्रस्तुतकर्ताओं को उनके योगदान और उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। टाटा स्टील, एचजेडएल, एससीसीएल और डीजीएमएस की वरिष्ठ महिला नेतृत्वकर्ताओं द्वारा संचालित पैनल चर्चा में लैंगिक विविधता को मजबूत करने, महिलाओं में नेतृत्व को बढ़ावा देने, कर्मचारी प्रतिधारण सुधारने और समावेशी व सुरक्षित कार्यस्थल विकसित करने की रणनीतियाँ साझा की गईं। समकालीन और उभरते विषयों पर चर्चा हुई, जैसे लैंगिक रूप से समावेशी खनन नीतियाँ, भविष्य के कार्यबल के लिए कौशल विकास, जनजातीय और ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी और रूढ़िवादिता तोड़कर खनन में करियर चुनने की चुनौतियाँ।

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महिला नेतृत्व और समावेशी खनन नीतियों पर पैनल चर्चा

कॉन्क्लेव का समापन खुले सत्र और समापन संबोधन के साथ हुआ, जिसमें नियामक, उद्योग और समुदाय के हितधारकों के बीच निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया गया। आयोजकों ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाकर, समानता को बढ़ावा देकर और सभी स्तरों पर नेतृत्व को प्रोत्साहित करते हुए खनन उद्योग का भविष्य नई दिशा में जाएगा। टाटा स्टील ने समावेशी, न्यायसंगत और भविष्य-उन्मुख खनन संचालन को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे यह सम्मेलन खनन क्षेत्र में लैंगिक विविधता और महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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