
जमशेदपुर: जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार, सभी 11 प्रखंडों में नामित नोडल अधिकारियों द्वारा प्रत्येक शनिवार को सरकारी संस्थानों का निरीक्षण किया जाता है. इसी क्रम में आज आवासीय विद्यालयों की जांच की गई.
किस-किस बिंदु पर हुई जांच?
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने निम्नलिखित पहलुओं का मूल्यांकन किया:
छात्रावास की संरचना व क्षमता
रंग-रोगन व सफाई व्यवस्था
बिस्तर, पीने के पानी, शौचालय व बिजली की स्थिति
सोलर बिजली की उपलब्धता व स्वास्थ्य जांच की नियमितता
खेल-कूद की सुविधाएं व सुरक्षा व्यवस्था
पठन-पाठन हेतु समुचित कमरे की उपलब्धता
भोजन की गुणवत्ता व मेनू के अनुसार आपूर्ति
शिकायत निवारण प्रणाली की स्थिति
कौन-कौन अधिकारी रहे शामिल?
प्रखंडों में अलग-अलग नोडल अधिकारियों ने निरीक्षण किया, जिनमें शामिल थे:
घाटशिला: परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी
गुड़ाबांदा: निदेशक एनईपी संतोष गर्ग
पटमदा: एडीसी भगीरथ प्रसाद
जमशेदपुर सदर: कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रजीत सिंह
मुसाबनी: कार्यपालक दंडाधिकारी सुदीप्त राज एवं जिला कल्याण पदाधिकारी शंकराचार्य समद
बहरागोड़ा: एलआरडीसी घाटशिला निखिल सुरीन
डुमरिया: जिला आपूर्ति पदाधिकारी सलमान जफर खिजरी
पोटका: एलआरडीसी धालभूम गौतम कुमार
जुगसलाई नगर परिषद: जिला परिवहन पदाधिकारी
जेएनएसी: जिला पंचायत राज पदाधिकारी
बेहतर शिक्षा व सुविधाओं पर प्रशासन की प्रतिबद्धता
जिला दंडाधिकारी अनन्य मित्तल ने अधिकारियों के क्षेत्रीय निरीक्षण को लेकर कहा कि आवासीय विद्यालयों में दी जा रही सुविधाओं, शिक्षा की गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे का आकलन करना आवश्यक है. प्रशासन छात्र-छात्राओं को सर्वोत्तम शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराने हेतु संवेदनशील प्रयास कर रहा है.
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