
बहरागोड़ा: बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र के गोपालपुर पंचायत अंतर्गत रामचंद्रपुर स्वास्थ्य केंद्र के पीछे डॉक्टर तथा स्वास्थ्य कर्मियों के रहने के लिए बना आवास जर्जर स्थिति में है. यह आवास पिछले कई दर्शकों पहले बनाया गया था. देखरेख की अभाव में यह आवास दिनों दिन जर्जर होते जा रहा है. रामचंद्रपुर के ग्रामीणों का कहना है कि यह आवास बनने के बाद कुछ महीने तक डॉक्टर तथा कर्मचारी वहां पर रहते थे. कुछ महीना रहने के बाद डॉक्टर तथा कर्मचारी वहां से चले गए . फिर उसके पश्चात इस भवन में कोई रहने नहीं आया. इसीलिए उक्त आवास जर्जर होता जा रहा है.
उड़ीसा में जाकर इलाज करवाने को मजबूर
ग्रामीणों ने बताया रामचंद्रपुर स्वास्थ्य केंद्र में हर दिन सुबह 10:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक डॉक्टर सुरई टुडू बैठते हैं. तथा इस केंद्र में एक एन एम राज मणि कुमारी , एक फार्मासिस्ट संजय दास आते हैँ. हर दिन 40 से 50 मरीज डाक्टर का परामर्श के लिए आते हैं. इनदिनों रामचंद्रपुर स्वास्थ्य केंद्र को विभाग के द्वारा रंगाया गया है. लेकिन पीछे आवास को नहीं रंगाया गया है.यह स्वास्थ्य केंद्र में चार पंचायत के करीब दस हजार आबादी को लाभान्वित होते हैं. लेकिन सूचारू रूप से नहीं चलने से स्थानीय लोग परेशान होकर पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा में जाकर अपना इलाज करवाने को मजबूर हैं.
जन्म प्रमाण पत्र बनाने में काफी कठिनाइ
पश्चिम बंगाल के गोपीबल्लापुर रामचंद्रपुर स्वास्थ्य केंद्र से महज 10 किलोमीटर दूर अवस्थित है. गोपीबल्लापुर में सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में रामचंद्रपुर स्वास्थ्य केंद्र से कई सार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. वहां पर 24 घंटे सभी प्रकार के डॉक्टर मौजूद रहते हैं. बहरागोड़ा के कई सारे पंचायत पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर सटे होने के कारण गर्भवती महिलाओं का 80 प्रतिशत बच्चा पश्चिम बंगाल में जन्म लेता है. इस परिस्थिति में जन्म प्रमाण पत्र बनाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है
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