गुवा: बड़ाजामदा के बाजार, थाना, फुटबॉल मैदान, टंकीसाई, भठ्ठीसाई, स्टेशन रोड और आसपास के आवासीय इलाकों में हल्की बारिश के बाद ही जल जमाव हो जाता है। सड़कें तालाब और दलदल में बदल जाती हैं, जिससे लोगों का जीवन नारकीय हो जाता है।

यह समस्या नई नहीं है। दशकों से जल निकासी का स्थायी समाधान नहीं हो सका। पूर्व जिला परिषद सदस्य और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष शंभू पासवान ने बताया कि बड़ाजामदा को कभी लौहांचल की औद्योगिक नगरी कहा जाता था। यहाँ कभी 200 से अधिक लौह अयस्क क्रेशर और खदानें संचालित थीं। बड़ी-बड़ी कंपनियों के कार्यालय भी यहीं थे। इसके बावजूद न सड़कें बनीं, न नालियां, न ही ड्रेनेज सिस्टम।
थोड़ी बारिश होते ही लोग घर से बाहर निकलने में कठिनाई झेलते हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। गाड़ियों से उछलने वाला कीचड़ और धूल लोगों का जीवन दूभर बना देता है। दुकानों में रखा सामान तक खराब हो जाता है, जिसे ग्राहक खरीदने से मना कर देते हैं।
शंभू पासवान के मुताबिक, शांति समिति की हर बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया है। पूर्व एसडीओ ने ड्रेनेज सिस्टम बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया। स्थिति यह है कि भारी बारिश के दौरान बड़ाजामदा में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं, क्योंकि पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।
इसे भी पढ़ें :