
चाईबासा: नोवामुंडी क्षेत्र के वरीय झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता विपीन पूर्ति ने राज्य में तेजी से बढ़ती बेरोजगारी पर गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से मांग की कि झारखंड के विभिन्न हिस्सों में वर्षों से बंद पड़ी लौह अयस्क खदानों को शीघ्र चालू किया जाए, ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था एवं आम लोगों को राहत मिल सके.
वैज्ञानिक तरीके से हो सकती है लौह अयस्क निकासी
विपीन पूर्ति ने कहा कि यदि वैज्ञानिक एवं सतत खनन पद्धति को अपनाया जाए, तो पश्चिम सिंहभूम एवं झारखंड के अन्य हिस्सों से पर्याप्त मात्रा में लौह अयस्क का निष्कासन संभव है. इससे न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य सरकार को भी राजस्व की बड़ी आमदनी होगी.उन्होंने विशेष रूप से शाह ब्रदर्स, रामेश्वर जूट मिल, निर्मल कुमार प्रदीप कुमार, आधुनिक स्टील, मिश्रीलाल, ठाकुरानी माइंस जैसे दर्जन भर बंद माइंस का उल्लेख करते हुए कहा कि इनकी बंदी ने हजारों लोगों के रोजगार पर संकट ला खड़ा किया है.
भारी वाहनों से जुड़े मजदूरों की हालत खराब
विपीन पूर्ति ने कहा कि माइंस बंद होने से भारी वाहनों से जुड़े ड्राइवर, हेल्पर, ट्रांसपोर्ट कंपनियों की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय होती जा रही है. उन्होंने कहा कि इन खदानों के बंद रहने से झारखंड सरकार को अरबों रुपये के राजस्व की क्षति हो चुकी है, जो चिंता का विषय है.
राज्य सरकार से शीघ्र निर्णय की मांग
उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार को अब यह समझना चाहिए कि इन बंद खदानों से राज्य की रॉयल्टी प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हो रही है.
“अगर सरकार शीघ्र निर्णय नहीं लेती है, तो न केवल बेरोजगारी बढ़ेगी, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी झारखंड पिछड़ जाएगा.”
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