
देवघर: देवघर जिले के देवीपुर सीएचसी सभागार में बुधवार को एक सराहनीय पहल देखने को मिली। एम्स के छह डॉक्टरों ने प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आए 8 टीबी मरीजों को गोद लिया और उनके इलाज तथा पोषण की जिम्मेदारी उठाने का संकल्प लिया। डॉक्टरों ने प्रत्येक रोगी को फूड बॉक्स प्रदान किया और नियमित दवा सेवन के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर जिला एसटीएलएस संतोष कुमार सिंह ने जानकारी दी कि निक्षय योजना के अंतर्गत प्रत्येक मरीज को प्रति माह ₹1000 की सहायता दी जाती है। यह राशि दूध, दही, अंडा जैसे पोषणयुक्त आहार पर खर्च करने की अपील की गई।
उन्होंने कहा कि यदि दवाएं समय पर न ली जाएं या भोजन संतुलित न हो, तो टीबी से उबरना कठिन हो जाता है।
कार्यक्रम के दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुमार अभय प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाया जाए। इसके लिए जागरूकता, नियमित दवा और पोषण तीनों बेहद जरूरी हैं।
मौके पर डॉ. सौमेक, डॉ. जॉन, डॉ. शिवांग, इंटर्न राधिका, साक्षी, सीमा, डॉ. विकास कुमार, एसपीएस रोहित कुमार, आईटी चंद्र मोहन कुमार समेत कई स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंतर्गत यह जानकारी भी दी गई कि कोई भी नागरिक टीबी मरीज को गोद लेकर सामाजिक सेवा कर सकता है।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत ‘टीबी मुक्त भारत’ का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत सामाजिक निगरानी और पोषण सहयोग जैसे प्रयास किए जा रहे हैं।
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