
रांची: राजधानी रांची के जिला स्कूल मैदान में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में रविवार को साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का माहौल रहा. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की दस पुस्तकों पर संवाद का आयोजन हुआ.
हरिवंश की पुस्तकों पर संवाद
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ प्रोफेसर विनय भरत ने संवाद किया. पद्मश्री बलबीर दत्त ने हरिवंश की पुस्तकों को “हरिवंश पुराण” का नया संस्करण बताते हुए कहा कि इनकी पुस्तकों की संख्या 25 हो गई है, जो 25 प्रकरणों का प्रतीक है. इस अवसर पर रवि दत्त वाजपेयी ने श्री परमहंस योगानंद की प्रसिद्ध पुस्तक ‘योगी कथामृत’ पर चर्चा की.
दयामनी बारला ने कहा कि हरिवंश के संपादकीय कार्यकाल में जो घटनाएं घटीं, उनका जीवंत चित्रण उनकी पुस्तकों में देखने को मिलता है. वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा ने हरिवंश की पत्रकारिता को “तेवर की पत्रकारिता” कहा और उनके योगदान की सराहना की.
पुस्तक मेले में उमड़ा जनसैलाब
रविवार को पुस्तक प्रेमियों की भारी भीड़ मेले में देखी गई. बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता भी संपन्न हुई, जिसमें तीनों आयु वर्ग के बच्चों ने अपनी कल्पनाओं को रंगों में ढाला. चित्रों में प्रकृति, सामाजिक जीवन और पर्यावरण से जुड़े संदेश प्रमुख रहे.
सोमवार को कविता और कहानी लेखन प्रतियोगिता
पुस्तक मेले में सोमवार को बच्चों के लिए कविता सुनाओ और कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन होगा. यह प्रतियोगिता अपराह्न 3 बजे से शुरू होगी और इसमें भागीदारी निःशुल्क है. सायं 4 बजे पुस्तक पठन संस्कृति पर संवाद का कार्यक्रम होगा, जिसमें लेखक, पत्रकार और पुस्तक प्रेमी अपने विचार रखेंगे.
झारखंड पर केंद्रित पुस्तकें
प्रकाशन संस्थान के स्टॉल पर हरिवंश की “झारखंड: संपन्न धरती, उदास बसंत”, डॉ. रामदयाल मुंडा की “आदिवासी अस्तित्व और झारखंडी अस्मिता के सवाल”, शैलेन्द्र महतो की “झारखंड की समरगाथा” जैसी पुस्तकें उपलब्ध हैं. समय प्रकाशन के स्टॉल पर “झारखंड के इतिहास पर एक अध्ययन” और “झारखंड पर्यटन” पुस्तक, जो रंगीन चित्रों से सुसज्जित है, पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित कर रही हैं.
बच्चों और साहित्य प्रेमियों के लिए विशेष पुस्तकें
राजपाल एंड संस, नैय्यर बुक सर्विस और अन्य प्रकाशनों के स्टॉल पर बच्चों के लिए “गुलिवर की यात्राएं”, “पंचतंत्र”, “हनुमान”, “राम”, “कृष्ण”, “झांसी की रानी” जैसी पुस्तकें उपलब्ध हैं. यश प्रकाशन के स्टॉल पर “गबन”, “गोदान”, “निर्मला”, “कबीर के दोहे” जैसी प्रसिद्ध रचनाएं भी हैं.
राष्ट्रीय पुस्तक मेला 26 जनवरी तक चलेगा और इसका समय सुबह 11 बजे से रात 7:30 बजे तक निर्धारित है.
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