
जमशेदपुर: मानगो विकास समिति ने मानगो नगर निगम की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है. समिति का कहना है कि यह निगम मानगोवासियों के लिए विकास का माध्यम बनने के बजाय एक बोझ बनकर रह गया है. समिति का विशेष आरोप निगम के वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी कृष्ण कुमार पर है, जो लंबे समय से नियमित रूप से कार्यालय नहीं आ रहे हैं.
कृष्ण कुमार, जो फिलहाल साकची स्थित जेएनएसी कार्यालय में कार्यरत हैं, मानगो कार्यालय में मुश्किल से ही दिखाई देते हैं. उनके अधीनस्थ पदाधिकारी तिर्की व आकिब जावेद के माध्यम से ही सारा कामकाज संचालित हो रहा है.
समिति के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे कई बार उनसे मिलने के लिए मानगो नगर निगम कार्यालय गए, लेकिन हर बार उन्हें निराशा हाथ लगी. उनका तर्क है कि जब निगम का कार्य संचालन उन्हीं अधीनस्थ अधिकारियों से होना है, तो फिर शीर्ष अधिकारी की नियुक्ति का औचित्य क्या रह जाता है?
स्ट्रीट लाइट की मरम्मत को लेकर सैकड़ों शिकायतें महीनों से लंबित हैं. जब कारण पूछा जाता है, तो जवाब मिलता है – “सामान उपलब्ध नहीं है.” समिति ने सवाल उठाया कि जब सामान उपलब्ध नहीं है, तो क्या निगम को सूचना बोर्ड पर यह बात साफ तौर पर नहीं लिख देनी चाहिए?
शहर की स्वच्छता व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है. समिति का कहना है कि आवश्यक संख्या से काफी कम सफाईकर्मी कार्यरत हैं, जिससे गंदगी बढ़ती जा रही है.
मानगो के कई इलाकों में पीने के पानी की भारी समस्या बनी हुई है. यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, परंतु निगम की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है. इससे नागरिकों में असंतोष गहराता जा रहा है.
समिति की स्पष्ट मांग है कि कृष्ण कुमार को तत्काल इस पद से विरमित कर मानगो नगर निगम के लिए एक पूर्णकालिक और उत्तरदायी कार्यपालक पदाधिकारी की नियुक्ति की जाए. समिति ने घोषणा की है कि वे शीघ्र ही पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त से मिलकर समस्त समस्याओं से उन्हें अवगत कराएंगे. साथ ही, मांग करेंगे कि निगम की कार्यशैली में सुधार लाया जाए और नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.
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