
रांची: मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में झारखंड राज्य विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग की कार्य नियमावली को मंजूरी दी गई। यह फैसला झारखंड के लाखों विस्थापित परिवारों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के नेता देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि यह उनकी पार्टी की पहली बड़ी जीत है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भूमि सुधार मंत्री दीपक बुरुवा और डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो का धन्यवाद किया।
डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो ने पिछले मानसून सत्र के दौरान गैर-सरकारी संकल्प पेश कर विस्थापन आयोग की ज़रूरत पर जोरदार बहस की थी। जेएलकेएम इस मुद्दे पर कई सालों से लगातार आंदोलन कर रहा था।
क्यों ज़रूरी है आयोग
सीसीएल, बीसीसीएल, एचईसी, एनटीपीसी, टाटा, बिड़ला समेत कई कंपनियों और पंचेत, चांडिल, कांके जैसे डैम प्रोजेक्ट्स की वजह से धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, रामगढ़, रांची, जमशेदपुर और सिंहभूम क्षेत्र के हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। आयोग के गठन से इन लोगों की समस्याओं को सुना जाएगा और उन्हें न्याय दिलाने का रास्ता खुलेगा।
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