
देवघर: देवघर की प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्था चेतना विकास ने शुक्रवार को एक प्रेरणादायक शैक्षणिक दौरे की मेजबानी की, जिसमें ओडिशा के 32 गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य चेतना विकास की कार्यशैली, संगठनात्मक प्रक्रियाओं और प्रभावशाली रणनीतियों को करीब से देखना और सीखना था.
संगठनात्मक संरचना, रणनीति और अनुभव साझा करने का मंच
प्रतिभागियों को चेतना विकास के विभिन्न विभागों का भ्रमण कराया गया. संस्था की अब तक की यात्रा, कार्यक्षेत्र, नीतियों और प्रभाव को लेकर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया. संवाद सत्रों में वित्तीय प्रबंधन, मानव संसाधन, सुशासन, डेटा प्रबंधन, निगरानी एवं मूल्यांकन, और फंडरेजिंग एवं बाह्य सहभागिता जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई.
40 वर्षों की संस्था और स्थायित्व की कहानी
कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के अध्यक्ष मनोज कुमार और सचिव कुमार रंजन ने प्रतिभागियों के स्वागत से की. वरिष्ठ पदाधिकारियों ने साझा किया कि कैसे एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा संस्था के दीर्घकालिक प्रभाव और स्थायित्व की नींव बनाता है.
गौरतलब है कि चेतना विकास मई 2025 में अपने 40 वर्ष पूरे कर चुका है. चार दशकों से यह संस्था बाल संरक्षण, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और आजीविका जैसे क्षेत्रों में समाज को सकारात्मक दिशा दे रही है.
अनुभव से संवाद और नवाचार की संस्कृति
सचिव कुमार रंजन ने कहा, “यह शैक्षणिक दौरा केवल ज्ञान का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि चेतना विकास की पारदर्शिता, समर्पण और नवाचार की संस्कृति को साझा करने का माध्यम है.” प्रतिभागियों ने संस्था की कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर अपनी संस्थाओं में इसे अपनाने की इच्छा जताई.
सहभागियों का आभार और भविष्य की उम्मीदें
चेतना विकास ने सभी सहभागी संगठनों, ध्वनि फाउंडेशन की टीम और अपनी समर्पित कार्यकर्ताओं के प्रति आभार प्रकट किया. संस्था का मानना है कि इस प्रकार के शैक्षणिक आयोजन न केवल सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के लिए नई दिशा भी तय करते हैं.
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