
सरायकेला : सरायकेला जिला मुख्यालय एवं आसपास के गांव में इस भयंकर गर्मी में बिना ठोस कारण के बिजली समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। बिजली नहीं रहने के कारण पठन-पाठन, घरेलू काम, व्यापार एवं पीने की पानी का भी भारी समस्या हमेशा हो रही है । बिजली कटौती की मुख्य वजह विभागीय अभियंताओं की लापरवाही एवं गैरजिम्मेदाराना कार्य है । क्योंकि केंद्र सरकार और राज्य सरकार निर्बाध एवं पर्याप्त विद्युत आपूर्ति मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है एवं एक अंतराल के बीच शहरी एवं ग्रामीण विद्युत सुदृढ़ीकरण के लिए राशि भी उपलब्ध कराती आ रही है। परंतु विभागीय अभियंताओं की लापरवाही एवं गैरजिम्मेदाराना हरकतों के चलते क्षेत्र के लाखों उपभोक्ता भरी गर्मी में परेशानी उठाने के लिए मजबूर हैं। बिजली आपूर्ति समस्या को लेकर पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने उपायुक्त से इसकी शिकायत की।
आंदोलन एवं पत्राचार भी किया गया
उन्होंने कहा कि बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है पर सरायकेला बिजली विभाग सदियों पुराने ढर्रे पर चल रहा है । पुराने ट्रांसफार्मर, पुराने जर्जर तार, टूटे-फूटे पोल और एक जगह कई कई मुंह चिढ़ाते पोल और आज भी कई मोहल्ले में बांस की बल्लियों के सहारे विद्युत लाइन चल रही है। आज भी एक छोटी सी फॉल्ट होने पर सरायकेला नगर और आसपास के सभी गांवों की लाइन काटकर छोटी सी समस्या का निदान करने के लिए हजारों परिवारों को परेशानी में डाला जाता है । इस संबंध में व्यापक सुधार के लिए कार्यपालक अभियंता सहायक अभियंता से कई स्तर की वार्ता,आंदोलन एवं पत्राचार भी किया गया परंतु नतीजा सिफ़र रहा, अब बिजली की समस्या बर्दाश्त से बाहर हो चुकी है महोदय बिजली कटौती की समस्या एवं विद्युत विभाग के अभियंताओं का इसी प्रकार गैर जिम्मेदाराना रवैया रहा तो हम लोगों को जोरदार तरीके से आंदोलन के लिए बाध्य होना पडेगा।