
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में प्रवेश किया है. जहां भारत में इस जीत का जश्न मनाया जा रहा है, वहीं पाकिस्तान में स्थिति ठीक नहीं दिख रही है. दरअसल, पाकिस्तान ग्रुप स्टेज से बाहर होने के बाद भारत के फाइनल में पहुंचने से एक और झटका खा गया है.
चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी का मुद्दा
इस टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल के तहत आयोजित किया जा रहा था, जिसके अनुसार यदि भारतीय टीम फाइनल में पहुंचती है तो मैच दुबई में खेला जाएगा. यदि टीम इंडिया फाइनल में नहीं पहुंचती, तो फाइनल लाहौर में होना था. अब भारतीय टीम के फाइनल में पहुंचने के बाद यह मैच दुबई में खेला जाएगा, जिससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है.
पाकिस्तानी क्रिकेटर्स की उम्मीदें और सोशल मीडिया पर मजाक
चूंकि पाकिस्तान की टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई, ऐसे में पाकिस्तान के क्रिकेटर्स जैसे मोहम्मद हफीज, शोएब मलिक और सना मीर ने सोशल मीडिया पर ऑस्ट्रेलिया की जीत की दुआ मांगी थी. अब इन क्रिकेटर्स का सोशल मीडिया पर खूब मजाक उड़ाया जा रहा है. शोएब अख्तर ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें ये क्रिकेटर्स ऑस्ट्रेलिया को फाइनल का पसंदीदा बता रहे थे.
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शोएब अख्तर का वीडियो और पाकिस्तान की उम्मीदें
यह वीडियो एक पाकिस्तानी मीडिया चैनल पर प्रसारित शो का हिस्सा था, जिसमें शोएब अख्तर, मोहम्मद हफीज और शोएब मलिक विशेषज्ञ के रूप में शामिल थे. वीडियो में अख्तर ने शो में सभी से पूछा, “इस मैच का विजेता कौन होगा?” और फिर कैप्शन दिया, “लगता है यह सेमीफाइनल भारत बनाम ‘पाकिस्तान में फाइनल’ है, आप लोगों का क्या सोचना है?” वीडियो में अन्य एंकरों ने अपनी राय दी, और सभी ने पाकिस्तान में फाइनल होने की संभावना जताई, लेकिन भारतीय टीम ने उनकी उम्मीदों को धराशायी करते हुए फाइनल में अपनी जगह बनाई.
पाकिस्तान की हार और चैंपियंस ट्रॉफी का इतिहास
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में पाकिस्तान की हार सिर्फ एक और हार नहीं थी, बल्कि यह कई सालों से पाकिस्तान की संघर्षपूर्ण स्थिति को दर्शाता है. 29 साल बाद पाकिस्तान को किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी मिली थी, और मेजबान टीम का ही सफर ग्रुप स्टेज में समाप्त हो गया. यह चैंपियंस ट्रॉफी के 27 साल के इतिहास में चौथी बार था जब पाकिस्तान की टीम ग्रुप स्टेज से बाहर हुई.
कर्ज और संघर्षों से भरी मेजबानी
पाकिस्तान के लिए यह और भी कष्टकारी था क्योंकि साल 2009 में श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकवादी हमले के बाद, पाकिस्तान में कई सालों तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला गया था. इसके बावजूद उन्हें मेज़बान बनने का मौका मिला, लेकिन इसके लिए उन्होंने कर्ज लेकर मैदान तैयार किया. इसके बाद भी भारत के साथ मुकाबले खेलने के लिए पाकिस्तान को तीसरे देशों का सहारा लेना पड़ा.
अंतिम नतीजा और पाकिस्तान की निराशा
पाकिस्तान की टीम लगातार तीसरे आईसीसी टूर्नामेंट के दूसरे राउंड में भी नहीं पहुंच पाई. बांग्लादेश के खिलाफ मैच में हार के बाद, पाकिस्तान की उम्मीदें टूट गईं और यह कहा जा सकता है कि उनका यह टूर्नामेंट उनके लिए एक कड़वा अनुभव साबित हुआ.
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