
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है. इस मिशन के तहत 250 किलोग्राम वजनी एक रोवर चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए भेजा जाएगा. यह चंद्रयान-3 से 10 गुना भारी है, जिससे इस मिशन की महत्वाकांक्षा और कार्यक्षमता का स्पष्ट संकेत मिलता है.

इसरो अध्यक्ष का महत्वपूर्ण ऐलान
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के अध्यक्ष वी नारायणन ने रविवार (16 मार्च) को इस मिशन की मंजूरी का ऐलान किया. बेंगलुरु में पदभार संभालने के बाद उन्होंने बताया कि 3 दिन पहले ही चंद्रयान-5 के लिए मंजूरी मिल चुकी है. इस मिशन में जापान भी भारत का सहयोग करेगा, जो अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण साझेदारी को दर्शाता है.
आने वाले मिशन की योजनाएं
वी नारायणन ने आगे बताया कि चंद्रयान-4 मिशन का लक्ष्य चंद्रमा से इकट्ठा किए गए नमूनों को पृथ्वी पर लाना है, और यह मिशन साल 2027 में प्रक्षेपित किया जाएगा. इसके अलावा, गगनयान सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मिशनों के साथ भारत का अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करने की योजना पर भी काम जारी है. इसरो के अध्यक्ष ने बताया कि भविष्य में चंद्रमा से मिट्टी और चट्टानों के नमूने पृथ्वी पर लाने का भी लक्ष्य है, जो अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की और अधिक सफलता को सुनिश्चित करेगा.
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