
पश्चिम सिंहभूम: गुवा वन क्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) परमानंद रजक को अब झिंकपानी और चक्रधरपुर वन क्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। नए आदेश के अनुसार वे इन तीनों क्षेत्रों—गुवा, झिंकपानी और चक्रधरपुर—के संयुक्त रेंजर के रूप में कार्य करेंगे। यह जिम्मेदारी उन्हें विभागीय पदोन्नति स्वरूप सौंपी गई है।
वनों की रक्षा और वन्यजीव संरक्षण प्राथमिकता : परमानंद रजक
प्रभार ग्रहण करने के उपरांत एक साक्षात्कार में रेंजर परमानंद रजक ने कहा कि तीनों क्षेत्रों में वन्य संसाधनों की रक्षा, संवर्धन और विकास उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वन्य जीवों पर किसी प्रकार का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उनकी रक्षा की जाएगी।
उनका उद्देश्य है कि वन क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित हो और कोई भी गतिविधि जो पारिस्थितिक संतुलन को प्रभावित करे, उस पर सख्त नजर रखी जाए।
वृक्ष ही जीवन का आधार हैं
रेंजर परमानंद रजक ने पौधारोपण को पर्यावरणीय संतुलन के लिए अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा कि वृक्ष न केवल हरियाली का प्रतीक हैं, बल्कि मानव जीवन को सांस देने वाला आधार भी हैं। प्रकृति की सुंदरता और जीवन की स्थिरता, दोनों ही वनों की उपस्थिति से जुड़ी हुई हैं।
खनन क्षेत्र की निगरानी भी है दायित्व
उन्होंने यह भी कहा कि जिन वन क्षेत्रों में खनन गतिविधियाँ चल रही हैं, वहां वन संरक्षण नियमों का पालन सुनिश्चित कराना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी। वनों के बहुमूल्य संसाधनों की सुरक्षा और अवैध कटाई या खनन को रोकना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
रेंजर परमानंद रजक की यह नियुक्ति झारखंड के इन वन क्षेत्रों को पर्यावरणीय संरक्षण और सतत विकास के नए आयाम दे सकती है। उनकी अनुभवशीलता और प्रतिबद्धता से आने वाले समय में वन विभाग की भूमिका और अधिक सशक्त हो सकती है।
इसे भी पढ़ें : Deoghar: जल संसाधन मंत्री ने 206 चौकीदारों को दिया नियुक्ति-पत्र