
जमशेदपुर: जमशेदपुर की प्रतिष्ठित युवा नाट्य संस्था गीता थिएटर ने कोलकाता में आयोजित ऑल इंडिया कार्निवल थियेटर फेस्टिवल 2025 में अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति ‘कसक’ के माध्यम से दर्शकों और निर्णायकों को गहराई से प्रभावित किया. यह आयोजन लक्ष्मीकांत फिल्म एंड म्यूजिक प्राइवेट लिमिटेड के सौजन्य से हावड़ा के रामराजतला बाज़ार स्थित बानी निकेतन हॉल में संपन्न हुआ.
बाल अभिनेत्री और नाटक लेखक को मिला सम्मान
इस मंच पर ‘कसक’ को दो विशिष्ट पुरस्कार प्राप्त हुए.
सृष्टि साह को फुलवा की भूमिका में उनके सशक्त अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ स्त्री बाल कलाकार पुरस्कार मिला.
वहीं, इस मार्मिक नाटक के लेखक को मिला श्रेष्ठ नाटक लेखक पुरस्कार, जिसने एक साधारण परिवार की असाधारण पीड़ा को शब्दों में ढाला.
‘कसक’ – कर्ज, गरीबी और संघर्ष की मार्मिक कथा
‘कसक’ एक अति-निम्न मध्यमवर्गीय ग्रामीण परिवार की सच्चाई को सामने लाता है. यह कहानी है बुधवा, उसकी पत्नी सुगनी, और उनके दो बच्चों फुलवा व सोहन की, जो कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं. गांव में मेहनत-मजदूरी कर यह परिवार अपनी छोटी-छोटी खुशियों के सहारे जीवन बिता रहा है. लेकिन बढ़ती जरूरतें और सामाजिक दबाव उन्हें कर्ज की दलदल में धकेल देते हैं.
जब इज्जत बन जाती है कर्ज का मोल
कहानी का केंद्रीय मोड़ तब आता है जब गांव का जमींदार, बुधवा और बच्चों की अनुपस्थिति में, सुगनी के पास पहुंचता है. वह कर्ज माफ करने की शर्त पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालता है. विकल्प में वह सुगनी को या तो यह प्रस्ताव स्वीकारने या अपने पूरे परिवार को जहर देकर मार देने का भयावह विकल्प देता है. लेकिन सुगनी के सामने उसके पति और बच्चों की छवि उभरती है. कहानी यहीं कसक बन जाती है – आत्मसम्मान, पारिवारिक प्रेम और आर्थिक बेबसी की तीखी कसक.
गीता थिएटर की प्रस्तुति को सराहना
‘कसक’ की कथा, प्रस्तुति और कलाकारों के भावपूर्ण अभिनय ने न केवल दर्शकों को भावुक किया, बल्कि निर्णायक मंडल को भी गहराई से प्रभावित किया. गीता थिएटर ने इस प्रदर्शन के ज़रिए झारखंड की ग्रामीण पीड़ा, स्त्री संघर्ष और समाज की असहिष्णुता को राष्ट्रीय मंच पर प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया.
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