
जमशेदपुर : 14 फरवरी का दिन पूरी दुनिया में प्यार के दिन के नाम से जाना जाता है। कपल सालों भर 14 फरवरी का इंतजार करते हैं ताकि इस दिन अपने प्यार का इजहार कर सके और अपने वैलेंटाइन को कुछ स्पेशल फील करा सके। लेकिन कहा जाता है कि प्यार करना जितना मुश्किल नहीं लेकिन उसे निभाना उतना ही मुश्किल है जिसने उसे निभा लिया वही सही मायने में प्यार का उदाहरण सेट करता है। ऐसे में कई दशक एक साथ रहना और उसे निभाना एक दूसरे की खुशी और दुख का ख्याल रखना एक सच्चे और अच्छे वैलेंटाइन की निशानी है। परिवार की राजामंदी और परिवार की पसंद से एक अंजान से शादी कर के सात फेरों में बंधे। इसके बाद आपसी समझ, सम्मान और प्यार से एक दूसरे का साथ निभाते चले आए। यहीं नहीं अपने वैलेंटाइन को शादी के कई सालों बाद अपनी अलग पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया और आज शहर की ये महिलाएं अपने दम पर और अपने पति के सपोर्ट के साथ आगे बढ़ रही है। और आत्मनिर्भर है।
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शादी के 21 साल बाद बनी शिक्षिका

डॉ. संजय कुमार एवं मधु कुमारी जिनके शादी के पूरे 22 साल बीत चुके हैं और शादी के 21वें साल में वह स्कूल में शिक्षिका बनकर बच्चों को पढ़ा रही है. शादी के 21 साल बाद स्कूल में पढ़ना मधु कुमारी की इच्छा नहीं थी बल्कि उनके पति देव जो दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर है उनकी इच्छा थी, वह अपनी पत्नी को अपनी पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित करते रहे आखिरकार मधु ने भी उनकी बात मानकर स्कूल में शिक्षक के तौर पर सेवा दे रही है. आदित्यपुर की मधु कुमारी एक शिक्षिका बनाकर बच्चों को शिक्षा दे रही है. उन्होंने कहा कि अगर उनके पति की इच्छा नहीं होती तो वह कभी भी यहां नहीं होती उनका मानना है कि वैलेंटाइन सिर्फ तोहफे देकर ही नहीं मनाया जाता है, बल्कि प्यार और सामने वाली की खुशी आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए. सही मायने में जो आपकी खुशी को प्राथमिकता दे रहा हो अपनी खुशियों को मार कर वही सही मायने में आपका वैलेंटाइन है.

मायके में जॉब करने की नहीं थी परमिशन शादी के बाद पति ने करवाया जॉब
सोनारी निवासी रेखा सिंह सीए फॉर्म में काम करती है। रेखा ने कहा कि मायके में नौकरी करने की परमिशन नहीं थी, लेकिन वह पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर बनना चाहती थी उन्होंने बताया कि जितेंद्र कुमार से उनकी शादी को पूरे 14 साल हो चुके हैं और वह पिछले 12 साल से कम कर रही है. मायके में नौकरी की परमिशन नहीं मिली, लेकिन शादी के बाद पति ने उनकी इच्छाओं का सम्मान करते हुए सिर्फ उन्हें नौकरी की ही परमिशन नहीं दी बल्कि उन्हें पढ़ाया भी। रेखा सिंह ने बताया की शादी के बाद उन्होंने पहले एमबीए की पढ़ाई की. उसके बाद सीए ऑफिस में कार्य कर रही है उन्होंने कहा कि एक लड़की के लिए जहां उसके मायके में नौकरी करने की परमिशन नहीं थी और उनके पति ने उन्हें अपना पढ़ा लिखा कर नौकरी करने के लिए प्रोत्साहित किया इससे बड़ा वैलेंटाइन गिफ्ट नहीं हो सकता.
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पति के सपोर्ट से आज अपने पैरों पर खड़ी है

बागुनाथू की रहने वाली सारिका देवगन शादी के 10 साल बाद पति के सपोर्ट से आज अपने पैरों पर खड़ी है और आत्मनिर्भर है सारिका देवगन शहर के एक बड़े ब्रांड के ज्वेलरी शॉप में कार्य कर रही है। सारिका देवगन ने कहा कि पहले वह हाउसवाइफ थी लेकिन पति के कहने पर उन्होंने जॉब करना शुरू किया जिसमें पति का पूरा सपोर्ट मिलता है बच्चों को पढ़ने से लेकर घर में खाना बनाने तक पति उनका सपोर्ट करते हैं और हाथ बताते हैं सारिका देवगन ने कहा कि उनके सपोर्ट के बिना यह सब संभव नहीं है सही मायने में वही वैलेंटाइन है जो भगवान का दिया एक तोहफा है।
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पति के सपोर्ट से शिल्पी समाज सेविका का काम कर रही है
जुगसलाई निवासी शिल्पी कुमारी शहर की एक सामाजिक संस्था से जुड़कर सामाजिक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। शादी के कई साल बाद और पति के सपोर्ट से वह एक समाज सेविका का काम कर रही है जिसमें उन्हें बहुत ही सुकून मिलता है आज वह समाज सेविका के तौर पर शहर में जानी जाती है शिल्पी ने कहा प्यार दिखाने और जताने के लिए किसी खास मौके की जरूरत नहीं होती प्यार दिखाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपने पार्टनर को महसूस कराएं कि वे आपकी जिंदगी में सबसे खास हैं। शादी के बाद सिर्फ पहला साल ही नहीं ब्लकि हर दिन वैलेंटाइन डे होता है। इसे यादगार बनाने के लिए आपको महंगे तोहफों की जरूरत नहीं, बल्कि प्यार भरे पलों की जरूरत है। घर की दहलीज पार करके उन्होंने मुझे अपनी अलग पहचान बनाने के लिए सपोर्ट किया यह उनका प्यार है जो अमूल्य है इससे बड़ा कोई तोहफा नहीं हो सकता।
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