
जमशेदपुर: जमशेदपुर में माझी परगना महल के नेतृत्व में जिला कार्यालय पर एक ऐतिहासिक जनआंदोलन आयोजित किया गया, जिसमें मुखिया संघ जमशेदपुर की सक्रिय भागीदारी रही। इस जनआंदोलन के माध्यम से राज्य सरकार को तीन अहम बिंदुओं पर मांग पत्र सौंपा गया।
मुख्य मांगें
1. नगर निगम विस्तारीकरण का विरोध: आदिवासी समाज के अधिकार, पहचान और पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था पर सीधा हमला है। ग्राम सभा की संवैधानिक शक्तियाँ समाप्त हो जाएंगी। बाहरी नियंत्रण, टैक्स और नियमों से ग्रामवासी आर्थिक व सांस्कृतिक संकट में फँसेंगे।
2. PESA कानून को तत्काल लागू किया जाए: अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा को सर्वोच्च निर्णय लेने का अधिकार मिले।
3. सरना धर्म कोड को मान्यता दी जाए: सरना धर्म को संविधानिक मान्यता देते हुए जनगणना 2026 में अलग धर्म कॉलम में शामिल किया जाए।
संघ नेताओं का बयान
कान्हु मुर्मू, महासचिव, मुखिया संघ जमशेदपुर ने कहा, “यह आंदोलन हमारे अस्तित्व और अधिकारों की रक्षा के लिए है। नगर निगम के विस्तार के नाम पर हमारे जल-जंगल-ज़मीन को हड़पने की कोशिश हो रही है, जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं।”
विशेष भागीदारी
इस ऐतिहासिक आंदोलन में निम्नलिखित मुखिया साथियों की विशेष उपस्थिति और सक्रिय भागीदारी रही: कान्हु मुर्मू, धन्नामुनी मार्डी, नीनू कूदादा मनोज मुर्मू, सुनील किस्कू, सुमी कराईं और अन्य कई पंचायत प्रतिनिधि व ग्राम सभा के सदस्यगण उपस्थित रहे।
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