रांची: माकपा और किसान सभा ने राहे में कामरेड सीताराम येचुरी का प्रथम स्मृति दिवस मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत उनके चित्र पर माल्यार्पण से हुई। इस मौके पर माकपा राज्य सचिव मंडल सदस्य एवं झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुफल महतो ने कहा कि कामरेड येचुरी का झारखंड से गहरा लगाव था। वे जल, जंगल, जमीन और खनिज संपदा की रक्षा के प्रबल हिमायती थे और हमेशा झारखंड को “लूटखंड” बनने से बचाने की बात करते थे।
सुफल महतो ने कहा कि पंचायत चुनाव की राह खोलने में कामरेड येचुरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक 10 वर्षों के संघर्ष के बाद 32 साल बाद पंचायत चुनाव संभव हो सका। इसके अलावा चुनाव बांड को सुप्रीम कोर्ट में असंवैधानिक घोषित कराने में भी उनका अहम योगदान रहा, जिससे हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
उन्होंने कहा कि कामरेड येचुरी धर्म को निजी मामला मानते थे और हमेशा कहते थे कि हर इंसान को अपनी पसंद का धर्म मानने की आजादी होनी चाहिए, लेकिन धर्म के नाम पर राजनीति देश और इंसानियत के लिए घातक है। वे समाजवाद और साम्यवाद को ऐसी व्यवस्था मानते थे, जिसमें शोषण और असमानता खत्म हो सकती है। इसी आदर्श के लिए वे जीवनपर्यंत संघर्षरत रहे।
कार्यक्रम में जिला कमिटी सदस्य जयपाल सिंह मुंडा, लोकल कमिटी सदस्य बिनोद साव, जनमंजय साव, सुषेण हजाम, शिवेशर तेली, महेश कुम्हार, लाल कुम्हार, गहन सिंह मुंडा, दिलेश्वर महतो, मनोज तेली और मानसा महतो सहित कई लोग मौजूद थे।
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