
रामगढ़: विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर रामगढ़ जिले में चार अलग-अलग स्थलों पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान मिलिट्री अस्पताल से 98, सदर अस्पताल रामगढ़ से 48, पीवीएनएल पतरातू से 06 और छावनी अस्पताल से 03 लोगों ने रक्तदान कर मानवता का संदेश दिया।
दीप प्रज्वलन के साथ शिविर का शुभारंभ
सदर अस्पताल में आयोजित शिविर का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ महालक्ष्मी प्रसाद, उपाधीक्षक डॉ ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह, जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ तूलिका रानी, यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ स्वराज एवं वरिष्ठ सर्जन डॉ उदय शंकर श्रीवास्तव ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया।
रामगढ़ ब्लड बैंक की उल्लेखनीय सेवा
उपाधीक्षक डॉ ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि पहले सदर अस्पताल में केवल ब्लड स्टोरेज यूनिट था, परंतु 24 अप्रैल 2020 को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य समिति के सहयोग से यहां पूर्ण रूप से ब्लड बैंक की स्थापना की गई। वर्तमान में यह ब्लड बैंक 24×7 की तर्ज पर प्रतिमाह 500 से 700 यूनिट रक्त की आपूर्ति कर रहा है।
उन्होंने ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ रेणु कुमारी और उनकी टीम के समर्पण को सराहते हुए कहा कि यह सेवाभाव रक्तदाताओं एवं संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना संभव नहीं था।
रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को करें दूर
सिविल सर्जन डॉ महालक्ष्मी प्रसाद ने अपने वक्तव्य में रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को हटाने और लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि एक यूनिट रक्तदान से चार जीवन बचाए जा सकते हैं।
उन्होंने रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए और 18 जून को एक सम्मान समारोह आयोजित किए जाने की घोषणा की, जिसमें सभी स्वैच्छिक रक्तदाताओं को सिविल सर्जन की गरिमामयी उपस्थिति में सम्मानित किया जाएगा।
लक्ष्य है कंपोनेंट सेपरेटर की स्थापना
डॉ महालक्ष्मी ने आगे कहा कि इस वर्ष का लक्ष्य ब्लड बैंक में कंपोनेंट सेपरेटर का लाइसेंस प्राप्त करना है, जिससे जरूरतमंदों को केवल ब्लड ही नहीं बल्कि उसके घटकों – प्लेटलेट्स, प्लाज्मा आदि – की भी आपूर्ति की जा सकेगी।
इसे भी पढ़ें : Ramgarh: रामगढ़ में भूमि व दाखिल-खारिज मामलों की हुई गहन समीक्षा, राजस्व लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रशासन सक्रिय