
चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मोंगरा गांव के नौ गरीब ग्रामीणों को अहमदाबाद स्थित बेसन फैक्ट्री में बंधुआ मजदूरी के लिए मजबूर किए जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इन ग्रामीणों को मिथुन लोहार नामक व्यक्ति ने नौकरी का लालच देकर गुजरात ले जाकर बंधक बना दिया है।
काम दिलाने का झांसा, आधार कार्ड भी जब्त
ग्रामीणों के अनुसार करीब पांच माह पहले मिथुन लोहार ने अपने ही क्षेत्र के नौ लोगों को अच्छी नौकरी का वादा कर कल्लूपुर बटुआ चौक स्थित फैक्ट्री में काम पर लगवा दिया। वहां न तो मजदूरी दी जा रही है, न ही गांव लौटने दिया जा रहा है। पीड़ितों के असली आधार कार्ड तक जब्त कर लिए गए हैं, जिससे उनकी पहचान और स्वतंत्रता दोनों पर संकट खड़ा हो गया है।
इन ग्रामीणों को बनाया गया बंधक
भागीरथी नायक (36)
दीपक राव (33)
राजेश दास (44)
विजय कुमार सुंडी (40)
सुमित्रा सुंडी (37) – विजय की पत्नी
बेतुलय सुंडी (18) – विजय की बेटी
रमेश सिंह (40)
सोनाराम गोप (50)
रीना गोप (40) – सोनाराम की पत्नी
ये सभी गरीबी से जूझते परिवारों से हैं, जो उम्मीद लेकर बाहर गए थे कि कुछ कमाई से जीवन सुधरेगा। अब उनके परिजन भय और निराशा में डूबे हैं कि कहीं उनके अपने लोग बिक न जाएं।
परिजनों की प्रशासन से मार्मिक अपील
गांव के लोगों ने डालसा के पीएलवी दिल बहादुर थापा, स्थानीय डाकुआ, और पुलिस प्रशासन से इस पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। पीड़ितों के परिजनों ने रो-रोकर अपील की है – “हमें हमारे लोग वापस चाहिए, वो रोते हुए फोन पर घर बुलाने की गुहार लगा रहे हैं।”
मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन: प्रशासन से त्वरित कदम की मांग
पीएलवी थापा ने इसे मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी का स्पष्ट मामला बताते हुए जिला प्रशासन को सूचित किया है। उनका कहना है, “यह केवल मजदूरी का मुद्दा नहीं, बल्कि मानवीय गरिमा और कानून का उल्लंघन है।”
यह घटना ग्रामीण बेरोजगारी, अशिक्षा और जागरूकता की कमी की खतरनाक तस्वीर भी पेश करती है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह त्रासदी में बदल सकता है।
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