Gua: गुवा के जाटाहाटिंग में मादक पदार्थ रोकथाम पर जागरुकता अभियान

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गुवा: नोवामुंड़ी प्रखंड अंतर्गत गुवा के जाटाहाटिंग बस्ती में आज शुक्रवार को जेएसएलपीएस की महिलाओं ने लोगों को मादक पदार्थ रोकथाम को लेकर जागरुकता अभियान चलाया। इस दौरान जेएसपीएल की महिलाओं द्वारा मादक पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, तंबाकू आदि नशीली चीजों का सेवन करने से उसके क्या-क्या दुष्प्रभाव होते हैं उसकी जानकारी लोगों को दी गई। इस जागरूकता अभियान के तहत गली मोहल्ले में रैली निकाल कर लोगों से मादक पदार्थों का सेवन न करने का अपील किया गया। साथ ही कहा गया कि शराब, तंबाकू, मारिजुआना अथवा किसी अन्य मादक द्रव्य के बार-बार और लंबे समय तक सेवन से उसकी लत लगने की प्रबल संभावना होती है।

धूम्रपान से कैंसर हो सकता है

मादक द्रव्यों के दीर्घकालीन उपयोग से कई प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी यथा पागलपन, अवसाद, उत्तेजना, आक्रामकता आदि से ग्रसित हो सकते हैं। अधिकांश मादक द्रव्य व्यक्ति के हृदय तथा रक्त वाहिकाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, जिससे असामान्य हृदय गति और यहाँ तक कि हृदयाघात की संभावना बढ़ जाती है। धूम्रपान से ब्रोंकाइटिस, वातस्फीति और फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। ओपियेट्स सांस लेने की गति को धीमा कर सकते हैं, वायुमार्ग को अवरुद्ध कर सकते हैं या अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। मादक द्रव्यों का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है।

संक्रमण के खतरे को बढ़ाता है

तत् संबंधी व्यवहार यथा सूई को साझा करना संक्रमण के खतरे को बढ़ाता है। इससे व्यक्ति के एचआईवी/ हेपटाइटिस से ग्रसित होने का खतरा बढ़ जाता है। मादक द्रव्यों के सेवन से शरीर के अंगों विशेषकर फेफड़ों, हृदय आदि को नुकसान पहुँचता है। मादक द्रव्यों के सेवन का प्रभाव व्यक्ति के फेफड़ों पर पड़ता है, जिससे साँस लेने में दिक्कत और श्वसन संबंधी कई प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं।

मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है

मादक द्रव्यों का अधिकांश सेवन का व्यक्ति के मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे सोचने, समझने और किसी वस्तुस्थिति में प्रतिक्रिया व्यक्त करने की क्षमता प्रभावित होती है। नियमित सेवन से व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिसका सीधा असर व्यक्ति के रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है। यह शरीर के पोषक तत्वों के अवशोषण की क्षमता को कम करता है, जिसका असर व्यक्ति के पोषण स्तर पर पड़ता है। लंबे समय तक मादक द्रव्यों का सेवन दाँतों, मसूड़ों और मौखिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है। इससे दाँतों में दर्द की समस्या होती है। इससे दर्द के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है, बार-बार व्यक्ति को असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है। कार्यक्रम के अत में सभी महिलाओं ने शपथ ग्रहण किया।

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