
डालसा और जेएसएलपीएस की मदद से अपनों से मिली नाबालिग
गुवा : काम के तलाश में दिल्ली गई सारांडा जंगल के करमपादा गांव की बसंती लुगुन (16 वर्ष) की मंगलवार को सकुशल घर वापसी हो गई. किशोरी को उसके परिजनों से मिलाने में जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) एवं जेएसएलपीएस के सदस्यों का खासा योगदान रहा. बसंती लुगुन के माता-पिता का देहांत हो चुका है. उसका पालन पोषण उसके बड़े माता-पिता ने किया. घर की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण बसंती को उसका जीजा काम की तलाश में दिल्ली लेकर गया. नाबालिग होने के कारण उसे वहां कोई काम नहीं मिला. इसी बीच बसंती दिल्ली में अपने दीदी-जीजा से बिछड़ गई. नई दिल्ली स्टेशन पर पुलिस जांच में उसे पकड़ लिया गया तथा चाइल्ड होम भेज दिया गया. दिल्ली चाइल्ड होम से चाईबासा सीडीपीयू में बसंती की रिपोर्ट भेजी गयी.
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बसंती के आश्रित को खोजने का जिम्मा डालसा के पीएलवी दिल बहादुर् को दिया गया. सारंडा के घने जंगलों के बीच स्थित करमपादा गांव की जेएसएलपीएस की जेंडर सीआरपी कुलदीप कौर और ग्राम संगठन की अध्यक्ष लक्ष्मी कुमारी की सहायता से बसंती के परिवार की खोज की गई. जांच पूरी होने के बाद इसकी एसआईआर रिपोर्ट सीडीपीयू चाईबासा भेजा गया. प्रक्रिया पूरा होने के बाद बसंती को दिल्ली से चाईबासा लाया गया. यहां आने के बाद चाईल्ड वेलफेयर कमिटी चाईबासा ने परिवार के सदस्यों से कानूनी प्रक्रिया पूरा करने के बाद बसंती लुगुन को उसकी दोनों मौसी को सौंपा गया. लंबे समय बाद अपने परिवार से मिलकर बसंती के आंखों में खुशी के आंशु छलक पड़े.
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